करूर : एक चायवाले के बेटे ने वायु प्रदूषण के स्तर की निगरानी के लिए एक अनोखा सैटेलाइट बनाया है. 16 साल के जयप्रकाश ने साइंस टीचर रामचंद्रन और भरणी स्कूल ग्रुप के प्रिंसिपल डॉ. रामसुब्रमण्यम से इस संबंध में मार्गदर्शन लिया.
जयप्रकाश ने पृथ्वी की सतह से 10 से 20 किलोमीटर के भीतर क्षोभमंडल में वायु प्रदूषण के स्तर का पता लगाने के लिए जो छोटा सैटेलाइट बनाया है, उसकी कीमत भी काफी कम है. करोड़ों की लागत से बनने वाले सैटेलाइट के इतर जयप्रकाश ने केवल 30 हजार रुपये के बजट में उपग्रह के कार्यों को पूरा करने में कामयाब रहे.
ईटीवी भारत तमिलनाडु के साथ एक विशेष साक्षात्कार में जयप्रकाश ने बताया कि उनका उपग्रह मूल रूप से एक हीलियम गुब्बारा है, जो पारंपरिक अंतरिक्ष-आधारित उपग्रहों के लिए एक लागत प्रभावी विकल्प प्रदान करता है. पूरे प्रोजेक्ट की लागत सिर्फ तीस हजार रुपये है, जिससे किफायती दर पर औद्योगिक प्रदूषण के स्तर की निरंतर निगरानी संभव हो सकेगी.
इस सैटेलाइट को अत्यधिक वायु प्रदूषण में योगदान देने वाली फ़ैक्टरियों से निकलने वाली गैसों का पता लगाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. जयप्रकाश का आविष्कार प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को वायु प्रदूषकों की प्रभावी ढंग से निगरानी और प्रबंधन करने के लिए एक व्यावहारिक और लागत प्रभावी समाधान प्रदान कर सकता है.