जयपुर.करणी सेना के संस्थापक लोकेन्द्र सिंह कालवी का जयपुर के एसएमएस अस्पताल में सोमवार देर रात निधन हो गया. कालवी साहब के नाम से मशहूर लोकेन्द्र सिंह का निधन हार्ट अटैक के कारण हुआ है. वैसे उनका जून 2022 में ब्रेन स्ट्रोक पड़ने के कारण उनका काफी लंबे समय से इलाज चल रहा था. उनका अंतिम संस्कार नागौर जिले में स्थित उनके पैतृक कालवी गांव में आज दोपहर में किया जाएगा.
लोकेन्द्र सिंह कालवी ने समाज के साथ राजनीति में भी अपना भाग्य आजमाया था. साल 2003 में उन्होंने बीजेपी से अलग नेता देवी सिंह भाटी के साथ सामाजिक न्याय मंच का गठन किया और सामाजिक न्याय मंच के बैनर तले राजस्थान विधानसभा चुनाव 2003 में चुनाव भी लड़े. हालांकि, उनकी पार्टी को सिर्फ एक सीट पर ही जीत मिली थी. लोकेन्द्र सिंह राजस्थान विधानसभा चुनाव -2008 से पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए थे. साल 2014 में वह लोकसभा चुनाव से पहले मायावती के नेतृत्व वाली बहुजन समाज पार्टी में शामिल हो गए थे. हालांकि, बाद में वे समाज के मंच पर सक्रिय होने के बाद सक्रिय राजनीति से दूर ही रहे.
करणी सेना बना चर्चा का विषय: लोकेंद्र सिंह कालवी ने भारत में जाति आधारित आरक्षण का पुरजोर विरोध करने के लिए साल 2006 में लोकेंद्र कालवी ने श्री राजपूत करणी सेना की स्थापना की थी. उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का कड़ा प्रतिद्वंद्वी भी माना जाता था. राजे के पहले कार्यकाल के दौरान सरकार की कई नीतियों के खिलाफ कालवी ने सफलतम प्रदर्शनों का आयोजन किया था. कालवी ने भारत की जाति आधारित आरक्षण व्यवस्था का विरोध कर नए विवाद को जन्म दिया था. अपने जीवन काल की ज्यादातर समय में फाल्गुनी राजपूत समाज का नेतृत्व किया और समाज की गरिमा से जुड़े मुद्दों को लेकर जोरदार तरीके से विभिन्न मंचों पर उठाया.