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Smoking is injurious to health on Cigarette: सिगरेट पर 260 बार लिखा 'धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है', बना रिकॉर्ड - Smoking is injurious to health on cigarette

कर्नाटक के युवक ने सिगरेट पर 260 बार ध्रूमपान स्वास्थ्य के लिए लिखकर रिकॉर्ड बनाने के साथ ही गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ग्रैंड मास्टर का खिताब जीत लिया है. Smoking is injurious to health on Cigarette

Young man made record by writing in cigarette
सिगरेट में लिखकर युवक ने बनाया रिकॉर्ड

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Published : Jan 13, 2023, 3:14 PM IST

रामनगर :कर्नाटक के रामनगर के एक युवक ने कुछ ऐसा कर दिया कि उसका नाम रिकॉर्ड में दर्ज हो गया. बताया जाता है कि चन्नापटना तालुक के मटिकेरे गांव के एमएस दर्शन गौड़ा ने सिगरेट पर ध्रूमपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है लिखकर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ग्रैंड मास्टर का खिताब जीत लिया है. लोगों में विशेषकर युवाओं में जागरूकता पैदा करने के लिए गौड़ा ने सिगरेट पर 260 बार ध्रूमपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है लिखा. इस दौरान 6.9 सेंटीमीटर की सिगरेट पर इंडिया शब्द का इस्तेमाल 80 बार किया गया. वहीं लिखने में कुल 7186 अक्षरों का प्रयोग हुआ.

दूसरी तरफ ई-सिगरेट पीने वालों की यह धारणा है कि यह आम सिगरेट जैसे सेहत को नुकसान नहीं पहुंचाती है. यही कारण है कि ई-सिगरेट दुनिया भर में युवाओं की पसंद बन रही है. मगर ऐसा सोचना गलत है. अमेरिका की कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी ने ई-सिगरेट के कारण सेहत को होने वाले नुकसानों की स्टडी की है. रिसर्च में यह दावा किया गया है कि पॉड बेस्ड ई-सिगरेट की लत से ब्रेन, हार्ट, लंग्स और आंतों में सूजन आ जाती है. इसके अलावा इम्यून सिस्टम के कमजोर होने से शरीर में संक्रमण से लड़ने की क्षमता भी कम हो जाती है. फ्लेवर के हिसाब से इसका असर भी अलग-अलग पाया गया है.

कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के रिसर्च जनरल के अनुसार, ई-सिगरेट से होने वाले प्रभावों की स्टडी के लिए चूहों को दिन में तीन बार टीम एरोसोल दिया गया. चूहों को तीन महीने तक लगातार फ्लेवर्ड एरोसोल दिया जाता रहा. इसके बाद जब रिसर्चर्स ने उनकी बॉडी की स्टडी को तो उनके दिमाग में सूजन दिखा. इसके अलावा कई अंगों पर भी इसका असर दिखा. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन में एसोसिएट प्रोफेसर लौरा क्रॉटी अलेक्जेंडर के अनुसार, जांच के बाद रिसर्चर्स इस नतीजो पर पहुंचे कि ई-सिगरेट की लत चिंता और डिप्रेशन को बढ़ा सकती है. इसके अलावा यह लोगों में नशे की लत को भी और बढ़ा देता है.

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