अमरावती:कर्नाटक दुग्ध संघ (केएमएफ) के निदेशक मृत्युंजय कुलकर्णी ने ईटीवी भारत को स्पष्ट किया है कि आंध्र प्रदेश को दूध की आपूर्ति नहीं रोकी जाएगी. आंध्र प्रदेश सरकार को भेजा गया पत्र एक 'नियमित प्रार्थना पत्र' था. उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार को पत्र लिखा गया था, लेकिन यह जल्द ही बकाया चुकाने के लिए एक नियमित पत्र था. दूध की आपूर्ति एक सामाजिक उद्देश्य के लिए है, इससे स्कूली बच्चों और गर्भवती महिलाओं को लाभ होता है. पत्र लिखे जाने के पीछे मुख्य कारण केएमएफ को किसानों को भुगतान करना है. कुलकर्णी का कहना है कि दूध की आपूर्ति ठप नहीं होगी.
आंध्र प्रदेश सरकार पहले ही 90 करोड़ रुपये के दो टोकन जारी कर चुकी है. कोई समस्या नही है, आंध्र प्रदेश और केएमएफ के बीच सहयोग अच्छा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि दूध की आपूर्ति को ठप करने का कोई सवाल ही नहीं है. केएमएफ के अनुसार, आंध्र प्रदेश की 'संपूर्ण पोषण योजना' के लिए दूध 36.50 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बेचा जा रहा है. और हमने कीमत बढ़ाने का अनुरोध किया है. यह आपूर्ति आंध्र प्रदेश-केएमएफ समझौते के तहत हो रही है, जिसे हर साल नवीनीकृत किया जाता है. आंध्र प्रदेश सरकार नंदिनी ब्रांड के तहत केएमएफ से हर महीने 110 लाख लीटर अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर दूध खरीद रही है. पिछले चार महीनों से, आंध्र प्रदेश राज्य सरकार ने केएमएफ को कोई भुगतान नहीं किया. बकाया राशि अब 130 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. दूध की कीमत में 5 रुपये के संशोधन को लेकर विवाद बढ़ा.
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आंध्र प्रदेश सरकार ने अनुरोध किया था कि अग्रिम भुगतान के मद्देनजर मई 2021 तक पुरानी कीमत जारी रखी जाए. हालांकि हम इस प्रस्ताव से सहमत नहीं थे, हमने आंध्र प्रदेश डेयरी डेवलपमेंट कोऑपरेटिव फेडरेशन की ओर से दूध की दर बढ़ाने के मौखिक आश्वासन पर पुराने मूल्य पर दूध की आपूर्ति जारी रखी. क्योंकि यह एक सामाजिक काम है.आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव प्रवीण प्रकाश को लिखे एक पत्र में केएमएफ के प्रबंध निदेशक बीसी सतीश ने कहा कि, 'कई पत्रों के लिखे जाने और बैठकों के बाद भी दूध की कीमत में संशोधन नहीं किया गया है. सतीश ने कहा कि कर्नाटक के दूध संघों को उच्च लागत लागत के कारण भारी नुकसान हो रहा है, साथ ही ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी से उनकी कार्यशील पूंजी और लाभ गंभीर रूप से प्रभावित हुई हैं.
केएमएफ के प्रबंध निदेशक ने कहा, 'दुग्ध संघों ने हमें सूचित किया है कि वे मौजूदा कीमत पर दूध की आपूर्ति नहीं कर पाएंगे. इसके अलावा, भुगतान में देरी (एपी सरकार से) से दूध उत्पादकों को अनियमित भुगतान होती है.' उन्होंने कहा कि कर्नाटक में डेयरी किसान बहुत कठिनाई से गुजर रहे हैं और दुग्ध संघों ने सूचित किया कि वे आंध्र प्रदेश के आंगनवाड़ियों को दूध की आपूर्ति नहीं कर पाएंगे, जब तक कि कीमत में 5 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी नहीं की जाती.
सतीश चाहते थे कि आंध्र सरकार तुरंत बकाया 130 करोड़ रुपये का भुगतान करे और दुग्ध संघों के 2.33 करोड़ रुपये चुकाए. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केएमएफ के एमडी ने इस मुद्दे पर महिला एवं बाल विकास के प्रमुख सचिव ए आर अनुराधा को पहले भी कई पत्र लिखे थे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.