बेंगलुरु (कर्नाटक) :कर्नाटक मंत्रिमंडल ने गुरुवार को सभी परिवहन वाहनों, सार्वजनिक और निजी के लिए यात्रियों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए स्थान ट्रैकिंग डिवाइस और आपातकालीन पैनिक बटन स्थापित करना अनिवार्य करने का निर्णय लिया. कुल 6.8 लाख वाहन (सरकारी और निजी) इस जनादेश के तहत कवर किए जाएंगे, कानून मंत्री जेसी मधुस्वामी ने कैबिनेट की बैठक के बाद पत्रकारों को ब्रीफिंग करते हुए कहा, जहां इस परियोजना के लिए 20.36 करोड़ रुपये की प्रशासनिक मंजूरी दी गई थी.
मधुस्वामी ने कहा कि यह एक बड़ी परियोजना है. इसके लिए केंद्र सरकार 60 प्रतिशत और राज्य 40 प्रतिशत धनराशि देगी. उन्होंने कहा कि पहल का एक उद्देश्य महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों पर अंकुश लगाना है. मधुस्वामी ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों और राज्य राजमार्गों पर, वाहन बहुत तेजी से चलते हैं जिससे दुर्घटनाएं होती हैं. वाहन स्थान ट्रैकिंग सिस्टम (वीएलटीएस) पर आधारित जीपीआरएस डिवाइस गति को ट्रैक करने में सक्षम होंगे.
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उन्होंने कहा कि यह भी देखा जा सकेगा कि निर्धारित स्थानों पर वाहन रुकते हैं या नहीं और समय पर निर्धारित मार्ग का पालन करते हैं. यह अनावश्यक देरी को रोक सकता है और अनधिकृत वाहनों को चलने से रोक सकता है. मंत्री ने कहा कि अनिवार्य वीएलटीएस निजी क्षेत्र में 'अस्वास्थ्यकर प्रतिस्पर्धा' को रोकने में भी मदद करेगा. परिवहन सेवाओं को सुरक्षित बनाने के अलावा, यह परियोजना कर चोरी करने वालों और परमिट का दुरुपयोग करने वालों की पहचान करने में मदद करेगी.