दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Karnataka SSLC 10th Exams 2022: कर्नाटक बोर्ड 10वीं की परीक्षाएं शुरू, हिजाब की अनुमति नहीं

कर्नाटक बोर्ड एसएसएलसी, कक्षा 10वीं की परीक्षा आज से (28 मार्च) शुरू हो गई है. हाईकोर्ट के फैसले के चलते धार्मिक पहचान वाले कपड़े पहनने की इजाजत नहीं है. हिजाब पहनकर परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी. राज्य में 3,440 से अधिक केंद्रों में 40,000 से ज्यादा सभागारों में 8.76 लाख से अधिक छात्र परीक्षा में शामिल हो रहे हैं.

11
फोटो

By

Published : Mar 28, 2022, 10:44 AM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक बोर्ड एसएसएलसी, (Karnataka SSLC Exam 2022) कक्षा 10वीं की परीक्षा आज से (28 मार्च) शुरू हो गई है. राज्य भर के 3,444 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कोरोना से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन अनिवार्य है. बता दें कि कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले के चलते धार्मिक पहचान वाले कपड़े पहनने की इजाजत नहीं है. हिजाब पहनकर परीक्षा देने की अनुमति नहीं दी जाएगी. छात्रों को यूनिफॉर्म नियमों के तहत ही क्‍लासरूम में आना होगा.

कर्नाटक के प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री बी. सी. नागेश ने कहा था कि राज्य बोर्ड की 10वीं कक्षा की परीक्षा के दौरान हिजाब पहनने की अनुमति नहीं दी जाएगी. परीक्षा 11 अप्रैल को संपन्न होगी. राज्य में 3,440 से अधिक केंद्रों में 40,000 से ज्यादा सभागारों में 8.76 लाख से अधिक छात्र परीक्षा में बैठने वाले हैं. शिक्षा मंत्री नागेश ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘उच्च न्यायालय के आदेश के बाद हमने उसे (हिजाब पहनने) को अनुमति नहीं दी है. हमने स्पष्टीकरण दिया है कि वे (हिजाब पहनी छात्राएं) हिजाब पहनकर कैम्पस में आ सकती हैं लेकिन उन्हें कक्षा में हिजाब उतारना होगा. परीक्षाओं के दौरान भी यह स्थिति लागू रहेगी. उन्होंने कहा कि परीक्षा न देने वाले छात्रों के लिए फिर से परीक्षा नहीं होगी.

पढ़ें :Karnataka : हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं की SSLC परीक्षा में नो एंट्री

इस बीच, यहां से 120 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित हुब्बाली में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने छात्रों से बिना डर के परीक्षा देने की अपील की. बोम्मई ने कहा, छात्रों की भलाई और कोविड-19 के असर को ध्यान में रखते हुए हमने आसान परीक्षा कराने का फैसला किया है. बच्चों को परीक्षा देनी है और अपना भविष्य बनाना है. मैं उनसे बिना किसी डर के परीक्षा देने की अपील करता हूं.

बता दें कि, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर (Karnataka Hijab row) प्रतिबंध को चुनौती देने वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया था. कोर्ट का कहना था कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य धार्मिक प्रथा नहीं है (HC says wearing Hijab is not an essential religious practice of Islam). छात्र स्कूल यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते हैं. उडुपी के एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की छात्राओं के एक समूह की कक्षाओं में उन्हें हिजाब पहनने देने की मांग से तब एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था जब कुछ हिंदू विद्यार्थी भगवा शॉल पहनकर पहुंच गये. यह मुद्दा राज्य के अन्य हिस्सों में फैल गया जबकि सरकार वर्दी संबंधी नियम पर अड़ी रही.

ABOUT THE AUTHOR

...view details