बेंगलुरु/पटियाला: प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार 10 नवंबर को बेंगलुरु और पटियाला में 11 स्थानों पर आईपीएस अमृत पॉल (तत्कालीन एडीजी भर्ती प्रकोष्ठ) के आवासीय परिसरों और पीएसआई भर्ती 2021 घोटाले में कथित रूप से शामिल अन्य लोगों की तलाशी ली. इस दौरान ईडी ने विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेजों की जब्ती की है. बता दें कि कर्नाटक पुलिस भर्ती प्रकोष्ठ ने साल 2021 में कर्नाटक पुलिस में पीएसआई के 545 रिक्त पदों को भरने के लिए एक परीक्षा आयोजित की थी.
परिणाम आने के बाद, परीक्षा में धोखाधड़ी, भ्रष्ट आचरण के आरोप लगे, जिसके कारण कर्नाटक सरकार ने जांच के आदेश दिए थे. जांच को बेंगलुरु पुलिस की सीआईडी विंग ने अपने हाथ में ले लिया, जो ईडी की शिकायत का आधार बन गई, जो कि प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत दर्ज की गई थी. पुलिस द्वारा उम्मीदवारों, बिचौलियों और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ बेंगलुरु और कालाबुरागी में विभिन्न प्राथमिकी दर्ज की गईं.
पुलिस ने बाद में विभिन्न परिसरों में तलाशी ली और इस मामले में भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी अमृत पॉल और 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें कथित तौर पर चयनित होने के लिए पैसे देने वाले उम्मीदवार भी शामिल थे. जब कथित अनियमितताएं हुईं, तब अमित पॉल पुलिस भर्ती प्रकोष्ठ के अतिरिक्त महानिदेशक (भर्ती) के प्रमुख थे. सीआईडी जांच के दौरान यह सामने आया कि सीआईडी मुख्यालय, कार्लटन हाउस, बेंगलुरु में भर्ती प्रकोष्ठ के स्ट्रांग रूम में ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की गई थी.
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जांच एजेंसी ने बताया कि 'पुलिस अधिकारी व भर्ती प्रकोष्ठ के स्ट्रांग रूम के प्रभारी ने सीसीटीवी कैमरों को बंद कर दिया और दो सशस्त्र हेड कांस्टेबल ने स्ट्रांग रूम में प्रवेश किया और ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ की. पुलिस अधिकारियों ने अवैध साधनों का उपयोग करके उनके चयन को सुविधाजनक बनाने के लिए उम्मीदवारों से धन एकत्र किया.' 545 पदों को भरने के लिए पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती अभियान अक्टूबर 2021 में शुरू हुआ और 54,041 लोगों ने परीक्षा दी थी.