बेंगलुरु: कर्नाटक ने सीएम सिद्धारमैया ने गारंटी के क्रियान्वयन को लेकर रेस कोर्स के शक्ति भवन में अधिकारियों के साथ बैठक की. उन्होंने पांचों गारंटी के क्रियान्वयन के लिए संबंधित विभागों के अधिकारियों से व्यय, लागत, रूपरेखा, सांख्यिकी की जानकारी प्राप्त की. बताया जा रहा है कि वित्त विभाग ने इन योजनाओं को लागू करने में होने वाले खर्च पर चिंता जताई है. गृह लक्ष्मी योजना जिसके तहत प्रत्येक परिवार को प्रति माह 2,000 रुपये मिलना है.
गृह ज्योति योजना के तहत हर महीने 200 यूनिट मुफ्त बिजली दी जानी है. युवानिधि योजना के अंतर्गत स्नातकों को 3,000 रुपये और डिप्लोमा स्नातकों को 1,500 रुपये देने का वादा किया गया है. वहीं, शक्ति योजना के तहत राज्य की महिलाओं को मुफ्त सरकारी बस यात्रा और बीपीएल कार्ड धारकों को अन्नभाग्य योजना को पहली कैबिनेट बैठक में सैद्धांतिक रूप से मंजूरी मिल चुकी है. इस संबंध में मुख्यमंत्री ने वित्त, परिवहन, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, ऊर्जा एवं अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों से विचार-विमर्श कर योजनाओं के क्रियान्वयन की रिपोर्ट तैयार करने का सुझाव दिया.
जानकारी के मुताबिक, अधिकारियों ने सीएम को बताया कि इन योजनाओं को लागू करने में प्रति वर्ष 50,000 करोड़ रुपये की जरूरत पड़ेगी. मुख्यमंत्री इन योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर बुधवार को सभी मंत्रियों से विचार-विमर्श करेंगे. जिसके बाद गुरुवार को कैबिनेट की बैठक में आधिकारिक फैसला लिया जाएगा. अधिकारियों ने कहा कि गृह ज्योति योजना पर करीब 12,038 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा. मुख्यमंत्री ने बैठक में मुख्य रूप से 200 यूनिट मुफ्त बिजली के बारे में अधिकारियों के साथ विस्तृत बैठक की.
200 यूनिट मुफ्त बिजली योजना : अधिकारियों द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, लगभग 2.14 करोड़ परिवार 200 यूनिट मुफ्त बिजली योजना से लाभान्वित होंगे. इसके लिए वार्षिक खपत लगभग 13,575 मिलियन यूनिट होगी. जिसपर राज्य के खजाने से 12,038 करोड़ रुपये प्रति वर्ष खर्च होंगे. अधिकारियों ने जानकारी दी है कि बीपीएल परिवारों पर लागू होने वाली योजनाओं के बारे में भी बातचीत हुई. सीएम ने अधिकारियों को पूरी रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं.
गृह लक्ष्मी योजना के लिए 32,000 करोड़ रुपये की जरूरत : गृहलक्ष्मी योजना के तहत परिवार की महिलाओं को प्रति माह 2,000 देने का वादा किया गया है. आज हुई बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारियों ने गृह लक्ष्मी योजना के लिए 32 हजार करोड़ रुपये खर्च का वार्षिक अनुमान लगाया है. अधिकारियों ने कहा कि यदि यह योजना को सभी महिलाओं की जगह सिर्फ बीपीएल महिलाओं के लिए लागू किया जाये तो खजाने पर पड़ने वाले बोझ को कम किया जा सकेगा.