उत्तर कन्नड़ में पकड़ा गया काला तेंदुआ उत्तर कन्नड़: वन विभाग के अधिकारियों ने एक काले तेंदुए को पकड़ने में कामयाबी हासिल की है, जो पिछले 3-4 महीनों से मवेशियों पर हमला कर रहा था और उन्हें मार रहा था. बताया जा रहा है कि यह मामला होन्नावर तालुक के वंडुरु जदीगड्डे का है. होन्नावर तालुक के सल्कोडा-आरेंगाडी और वंदुर हिस्सों में पहाड़ी पर चरने के लिए छोड़ी गई गायें गायब हो रहीं थीं. स्थानीय लोगों ने काडले, दुगुर और वंदूर पहाड़ी इलाकों में कई गायों के गायब होने की सूचना वन विभाग को दी और तेंदुए को पकड़ने की मांग की थी.
यह तेंदुआ ही किसी को नजर नहीं आया. भले ही वन अधिकारियों ने पिंजरे उन इलाकों में लगाए, जहां तेंदुए ने गायों को मारा था और खाया था, लेकिन इसके बाद भी काला तेंदुआ पिंजरे में नहीं फंसा. लेकिन पिछले दिनों आखिरकार यह काला तेंदुआ पिंजरे में फंस गया. इसके साथ ही तेंदुए को पकड़ने की वन अधिकारियों की रणनीति सफल रही है. पकड़ा गया काला तेंदुआ लगभग 4 साल का है, हालांकि इस बात की जानकारी नहीं मिली है कि वह नर या मादा. अधिकारियों का कहना है कि तेंदुआ स्वस्थ है और रात में ही शिफ्ट कर दिया गया.
स्थानीय लोगों में आक्रोश: जानकारी सामने आई कि पकड़े गए तेंदुए को चिड़ियाघर भेजने के बजाय वन अधिकारी केवल उसका इलाका बदलकर पास के जंगल में छोड़ने वाले हैं. इस वजह से यहां तेंदुओं की समस्या बढ़ती जा रही है. इसलिए, उन्होंने मांग की कि पकड़े गए तेंदुओं को चिड़ियाघर भेजा जाना चाहिए, ताकि लोगों और पशुओं को तेंदुए के हमलों से बचाया जा सके. लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि बीती रात अधिकारियों ने इस काले तेंदुए को कहां छोड़ा है.
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लोगों पर गरजता काला तेंदुआ: काला तेंदुआ जब पिंजरे में फंस गया, जिसकी जानकारी वन विभाग को दी गई. मौके पर पहुंचकर उन्होंने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. इसके बाद यह खबर आसपास के चार-पांच गांवों को पता चल गई और वे इस काले तेंदुए देखने वहां पहुंच गए. जब ग्रामीण पिंजरे में बंद काले तेंदुए का वीडियो बनाने जा रहे थे तो पिंजरे में बंद तेंदुआ लोगों पर दहाड़ रहा था. लोग काले तेंदुए की दहाड़ से सहम गए. कुछ अन्य लोगों ने काले तेंदुए को कैमरे में कैद किया और सोशल मीडिया पर साझा कर दिया.