बेंगलुरु: कर्नाटक के मंत्रियों ने राज्य में कोरोना राहत कार्यों के लिए सर्वसम्मति से अपना एक साल का वेतन देने का फैसला किया है. राज्य के राजस्व मंत्री आर अशोक ने गुरुवार को कहा, 'मंत्री कोविड राहत कार्यों के लिए एक वर्ष का वेतन दान करेंगे.'
कोरोना प्रबंधन और लॉकडाउन की समीक्षा करने के लिए मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने जिला अधिकारियों के साथ बैठक की. पत्रकारों को इसकी जानकारी देते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि राज्य भर में 230 एकड़ भूमि को दाह संस्कार के लिए आरक्षित की गई है.
उन्होंने कहा कि बेंगलुरु में तीन शवदाह गृहों में कुछ समस्याएं सामने आने के बाद शहर के बाहरी इलाके मावलीपुरा, गुदाहल्ली और तवारेकेरे में तीन और शवदाह गृहों की योजना बनाई गई. गेददहल्ली और तवारेकेरे में 70 शवों का दाह संस्कार करने की क्षमता हो गई है जबकि मावलीपुरा में 40 को जलाने की क्षमता जल्द ही होगी.
पत्रकारवार्ता के दौरान मौजूद गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को प्रतिबंधों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया है. बोम्मई ने कहा कि कोरोना से संबंधित नौकरियों के लिए 8,500 होमगार्डों का उपयोग करने की अनुमति दी गई है जबकि राज्य ने ट्रैकिंग के लिए 15,000 नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवकों का उपयोग करने का निर्णय लिया है.
300 कैदी संक्रमित
मंंत्री ने बताया कि राज्य की जेलों में 300 कैदी संक्रमित पाए गए जिसके बाद सेनेटाइजेशन का काम चल रहा है. संक्रमित कैदियों के अलग रहने की व्यवस्था की गई है.
इस बीच राज्य सरकार ने एक बयान में कहा कि उपायुक्तों को प्राथमिकता के आधार पर कोविड देखभाल केंद्र स्थापित करने के निर्देश जारी किए गए हैं. डिप्टी कमिश्नरों को जारी किए गए फंड का इस्तेमाल उन कोविड प्रभावितों को मेडिकल किट वितरित करने के लिए किया जाना चाहिए जो होम आइसोलेशन में हैं.
सीएम ने अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन और रेमेडिसविर शीशियों का ऑडिट किया जाए. मुख्यमंत्री ने ऑक्सीजन युक्त बेड, वेंटिलेटर और रेमेडिसविर के विवेकपूर्ण उपयोग को सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया. डीसी को समय पर ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है.
सरकार ने संक्रमित लोगों की देखभाल करने के लिए तालुक और ग्राम पंचायत स्तर में एक कार्यबल का भी आदेश दिया है.
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सरकार ने कहा कि टेस्टिंग पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए. रोगियों को परिणाम 24 घंटे के भीतर दिया जाना चाहिए. ये सभी आदेश तब दिए गए जब राज्य में एक दिन में कोरोना के 39 हजार मामले सामने आए हैं. कर्नाटक के शहरी क्षेत्रों में 27 अप्रैल की रात से 12 मई की सुबह तक लॉकडाउन की घोषणा की गई थी.