बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा चारों तरफ से घिरते जा रहे हैं. ऑपरेशन कमल ऑडियो टेप मामले में हाईकोर्ट से झटका लगने के बाद येदियुरप्पा के खिलाफ उनके मंत्रिमंडल के एक सहयोगी ने मोर्चा खोल दिया है.
कर्नाटक के वरिष्ठ मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने येदियुरप्पा के खिलाफ राज्यपाल और भाजपा हाईकमान को पत्र लिखा है और मुख्यमंत्री पर अपने विभाग के कामकाज में गैरजरूरी दखदलअंदाजी का आरोप लगाया है. हालांकि उन्होंने कहा कि इसको इतना महत्व देने की कोई जरूरत नहीं है. कर्नाटक भाजपा के वरिष्ठ नेता ईश्वरप्पा के इस 'लेटर बम' से यह बात जगजाहिर हो गई है कि दोनों नेताओं के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.
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ईश्वरप्पा का आरोप है कि मुख्यमंत्री येदियुरप्पा उनके विभाग के कामकाम में हस्तक्षेप कर रहे हैं. इस मामले को लेकर उन्होंने कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नलिन कुमार कटिल, राज्य के प्रभारी अरुण सिंह और राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि को पत्र लिखा है. उन्होंने हाईकमान से अनुरोध किया कि उनके विभाग के कार्यों में सीएम के हस्तक्षेप को तुरंत रोकने के लिए कदम उठाए जाएं.
राज्यपाल से मिले ईश्वरप्पा
शिवमोगा से भाजपा के वरिष्ठ नेता ईश्वरप्पा बुधवार को राज्यपाल वजुभाई वाला से भी मिले और उन्हें पांच पन्ने का पत्र सौंपा. इस पत्र में उन्होंने गंभीर चूक और मुख्यमंत्री द्वारा निरंकुश तरीके से प्रशासन चलाए जाने के आरोप लगाये हैं. वरिष्ठ मंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि मुझे मेरे ग्रामीण विकास विभाग से संबंधित कुछ प्रशासनिक मामलों को राज्यपाल के संज्ञान में लाना था. मैं विस्तार से कुछ भी नहीं कहना चाहता. मुझे जो कुछ भी साझा करना था, वो मैंने राज्यपाल से कर दिया है. शेष उन पर छोड़ दिया है. अपने पत्र में ईश्वरप्पा ने कहा कि उन्हें दुख के साथ उनके विभाग से संबंधित मामलों में मुख्यमंत्री की हालिया कुछ कार्रवाई को राज्यपाल के संज्ञान में लाना पड़ रहा है.
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उनके मुताबिक, वह कार्रवाई विभाग के प्रभारी मंत्री के कार्यों में सीधा हस्तक्षेप है.उन्होंने कहा कि यह कर्नाटक कार्य संचालन नियमावली, 1977 का भी स्पष्ट उल्लंघन है और राज्य प्रशासन के मामलों से संबंधित स्थापित परंपराओं और प्रक्रियाओं के भी खिलाफ है.मंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री कार्यालय ने आरडीपीआर प्रधान सचिव पर धन जारी करने के वास्ते सरकारी आदेश जारी करने के लिये दबाव डाला. इसपर उन्होंने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं की सलाह पर रोक लगा रखी थी.उन्होंने कहा कि चार मार्च को उनकी अनदेखी करके 460 करोड़ रुपये के कार्यों को मंजूरी दे दी गई.
ईश्वरप्पा ने कहा कि यद्यपि उन्होंने दो आवंटनों और 65 करोड़ रुपये के एक अन्य आवंटन पर रोक लगा दी, लेकिन मुख्यमंत्री ने उनके अधिकार अपने हाथ में ले लिए.मंत्री ने कहा कि गंभीर चूकों को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, कर्नाटक के लिये भाजपा के प्रभारी महासचिव समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं के संज्ञान में लाया है. उनके अनुसार, नियमों का उल्लंघन करते हुए मुख्यमंत्री के काम करने की शैली की जानकारी उन्होंने इन नेताओं को दी है.
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बता दें कि बुधवार को कर्नाटक हाई कोर्ट की कलबुर्गी खंडपीठ ने ऑपरेशन कमल ऑडियो टेप मामले में मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के खिलाफ जांच की इजाजत दे दी है. येदियुरप्पा पर जेडीएस विधायक को पैसे और पद का लालच देकर लुभाने की कोशिश का आरोप है.
राज्यपाल से प्रशासनिक मुद्दों पर चर्चा करनी थी : ईश्वरप्पा
मंत्री केएस ईश्वरप्पा ने शिमोगा में रिपोर्टर से बात करते हुए कहा, पत्र लिखने में उनकी कोई विशेषता नहीं है. उन्होंने कहा कि मैंने अपने विभाग में क्या हो रहा है, इसके बारे में राज्यपाल को सूचित करना चाहता था इसलिए मैंने उनकोपत्र लिखा. साथ ही हमें ग्रामीण विकास विभाग के प्रशासनिक मुद्दों के बारे में राज्यपाल से चर्चा करनी थी इसलिए उनके पास गया था. इसको इतना महत्व देने की कोई जरूरत नहीं है.