उडुपी : कर्नाटक के राजस्व मंत्री आर अशोक (Revenue minister Karnataka R Ashok) ने शनिवार को यहां दावा किया कि हिजाब मुद्दे (karnataka Hizab Row) की साजिश में अंतरराष्ट्रीय संगठन (Overseas organizations) शामिल थे. मंत्री यहां उडुपी जिले (Udupi district) के करकला तालुक में ग्राम प्रवास कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. वह दिन में पहले मेंगलुरु की यात्रा के बाद यहां पहुंचे. उन्होंने कहा कि मुस्लिम लड़कियों (Muslim girls are not to be blamed) को दोष नहीं दिया जाना चाहिए.
हिजाब मामले के पीछे कई लोग हैं. उन्होंने कहा कि इस साजिश में विदेशी संगठन (Overseas Organizations Are Involved In This Conspiracy) शामिल हैं. उडुपी में शुरू हुआ विरोध इतनी तेजी से अंतरराष्ट्रीय कैसे हो गया? इसे फैलाने के लिए कौन काम कर रहा है? उन्होंने दावा किया कि इस विरोध के पीछे आईएसआईएस और केएफडी जैसे संगठन (ISIS And KFD Organizations) काम कर रहे हैं.
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मंत्री ने कहा कि बच्चे पढ़ाई के लिए स्कूल जाते हैं. उन्हें समझना चाहिए कि वे धार्मिक प्रचार के लिए नहीं जा रहे हैं. आप अपने घर में कुछ भी करें, लेकिन स्कूल, कॉलेज में सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दें. ISIS ने स्थानीय संगठनों से हिजाब के लिए विरोध शुरू करने को कहा है. हिजाब मुद्दे के संबंध में व्यापक जांच किए जाने की आवश्यकता है. मैं इस विषय पर मुख्यमंत्री से बात करूंगा.
कर्नाटक के राजस्व मंत्री ने सोमवार को यह भी दावा किया कि कांग्रेस पार्टी हिजाब विवाद पर बंटी हुई है. क्योंकि कनार्टक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष डी के शिवकुमार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सिद्धरमैया द्वारा मामले पर अपनाए गए रुख का समर्थन नहीं कर रहे हैं.
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यहां जिला पंचायत सभागार में हुई बैठक से इतर संवाददाताओं से बातचीत में अशोक ने कहा कि शिवकुमार कांग्रेस नेताओं को हिजाब का सार्वजनिक रूप से समर्थन करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं, जबकि सिद्धरमैया का अलग रुख है.
अशोक, कांग्रेस की मांग को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब दे रहे थे. कांग्रेस लाल किले पर भगवा झंडा संबंधी कथित टिप्पणी को लेकर के एस ईश्वरप्पा से इस्तीफे की मांग कर रही है. राजस्व मंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस हिजाब के मुद्दे पर विधानसभा में चर्चा के लिए तैयार नहीं है. इसलिए ईश्वरप्पा के बहाने मुद्दे से ध्यान भटका रही है. उन्होंने कांग्रेस से मांग की कि वह अपना रुख स्पष्ट करे, ताकि छात्र स्कूल शिक्षण संस्थानों में लौट सकें.