बेंगलुरु : कर्नाटक के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पहनने से रोके जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ आज सुनवाई करेगी (Larger HC bench formed to hear case on today). मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी (Karnataka High Court Chief Justice Ritu Raj Awasthi) ने बुधवार रात को इस मामले की सुनवाई के लिए पूर्ण पीठ गठित की, जिसमें उनके अलावा न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित और न्यायमूर्ति के जे मोहिउद्दीन शामिल हैं (Justice Krishna S Dixit and Justice Khaji Jaibunnesa Mohiyuddin ). इससे पहले, इस मामले की सुनवाई कर रहे कर्नाटक उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीक्षित की एकल पीठ ने बुधवार को इस मामले को मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी के पास भेज दिया था.
बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त कमल पंत ने बेंगलुरु शहर में विद्यालयों, महाविद्यालयों, डिग्री कॉलेजों या इसी तरह के अन्य शैक्षणिक संस्थानों के गेट से 200 मीटर के दायरे में बुधवार से 22 फरवरी तक दो सप्ताह की अवधि के लिए किसी भी सभा, आंदोलन या प्रदर्शन के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है.
इस बीच, कर्नाटक के हिजाब विवाद की गूंज बुधवार को देशभर में सुनाई दी. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा ने कपड़ों को लेकर महिलाओं की पसंद का समर्थन किया जबकि केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने पोशाक मुद्दे को सांप्रदायिक रंग दिए जाने की आलोचना की. वहीं राज्य में शैक्षणिक संस्थानों में शांति रही. हिजाब पहने हुई लड़कियों और भगवा गमछा लिए हुए लड़कों के आमने-सामने आने के बाद मंगलवार को शैक्षणिक संस्थानों में तनाव की स्थिति बन गई थी लेकिन बुधवार को शांति रही. स्कूल-कॉलेज परिसर में हिजाब पर पाबंदी से जुड़े मामलों की सुनवाई कर रहे कर्नाटक उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश दीक्षित ने बुधवार को इस मामले को मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी के पास भेज दिया. एकल न्यायाधीश ने कहा कि मुख्य न्यायाधीश मामले पर गौर करने के लिए बड़ी पीठ के गठन का फैसला कर सकते हैं.
वहीं, राज्य कैबिनेट ने हिजाब विवाद पर कोई भी फैसला लेने से पहले उच्च न्यायालय के आदेश का इंतजार करने का निर्णय किया है. राज्य के उडुपी जिले के सरकारी महाविद्यालयों में पढ़ने वाली कुछ मुस्लिम लड़कियों ने हिजाब के साथ कक्षाओं में प्रवेश पर रोक के खिलाफ याचिका दायर की है. मामलों की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति कृष्णा एस दीक्षित ने कहा कि पर्सनल लॉ के कुछ पहलुओं के मद्देनजर ये मामले बुनियादी महत्व के कुछ संवैधानिक प्रश्नों को उठाते हैं. न्यायमूर्ति दीक्षित ने कहा, ऐसे मुद्दे जिन पर बहस हुई और महत्वपूर्ण सवालों की व्यापकता को देखते हुए अदालत का विचार है कि मुख्य न्यायाधीश को यह तय करना चाहिए कि क्या इस विषय के लिए एक बड़ी पीठ का गठन किया जा सकता है.
न्यायमूर्ति दीक्षित ने आदेश में कहा, पीठ का यह भी विचार है कि अंतरिम अर्जियों को भी बड़ी पीठ के समक्ष रखा जाना चाहिए, जिसका गठन मुख्य न्यायाधीश अवस्थी द्वारा किया जा सकता है. हिजाब विवाद को लेकर तनाव के मद्देनजर राज्य सरकार ने मंगलवार को राज्य के सभी हाई स्कूल और कॉलेजों को तीन दिन के लिए बंद करने का आदेश दिया था, जिसके बाद शैक्षणिक संस्थानों में बुधवार को शांति रही. सूत्रों ने कहा कि उनमें से ज्यादातर पठन-पाठन के ऑनलाइन मोड में लौट आए. पूरे राज्य में प्राथमिक विद्यालय में कामकाज बिना किसी रुकावट के सामान्य रूप से संचालित हुआ. कर्नाटक के अलग-अलग हिस्सों में हिजाब के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन तेज होने तथा कुछ जगहों पर इसके हिंसक रूप अख्तियार करने के बाद सरकार ने राज्य के सभी हाईस्कूलों और कॉलेजों में तीन दिन का अवकाश घोषित कर दिया था. राज्य मंत्रिमंडल ने हिजाब विवाद पर कोई भी फैसला लेने से पहले उच्च न्यायालय के आदेश का इंतजार करने का निर्णय किया है.