दावणगेरे: कर्नाटक हाई कोर्ट में हिजाब मामले की सुनवाई के बीच मंगलवार को राज्य के एक शैक्षणिक संस्थान से हिंसा की और घटनाएं सामने आईं. दावणगेरे जिले के हरिहर फर्स्ट ग्रेड कॉलेज परिसर में हिंसक भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया.
वहीं, कर्नाटक के प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने छात्रों से कानून व्यवस्था को हाथ में न लेने की अपील की है. ' एक फरवरी तक पूरी स्थिति नियंत्रण में थी, जब कुछ राजनीतिक दलों ने इसे उकसाया तो समाज के दूसरे वर्ग की भी प्रतिक्रिया हुई. हम छात्रों से अपील करते हैं कि वे कानून अपने हाथ में न लें.'
हिंसा के बाद, जिला प्रशासन ने दावणगेरे और हरिहर शहरों में निषेधाज्ञा लागू कर दी है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हिंसक घटना में कई पुलिसकर्मी और छात्र घायल हो गए. कई दोपहिया वाहन क्षतिग्रस्त हो गए हैं और दावणगेरे शहर में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. सभी संवेदनशील जगहों पर पुलिस तैनात कर दी गई है. स्थानीय कांग्रेस विधायक रामप्पा छात्रों को शांत करने के लिए मौके पर पहुंच गए हैं. हालांकि नाराज छात्रों की विधायक से तीखी नोकझोंक हुई.
हरिहर कॉलेज में करीब 2500 छात्र पढ़ते हैं. हालात तब बिगड़े जब हिजाब के समर्थन में लोगों का एक समूह कॉलेज में आ गया. इसके बाद भगवा शॉल पहने छात्रों के साथ समूह का विवाद हो गया और जल्द ही स्थिति हिंसक हो गई. खतरे को भांपते हुए पुलिस मौके पर पहुंची और भीड़ को कॉलेज परिसर से बाहर निकलने को कहा. बाहरी लोगों का समूह वहां से हिल नहीं रहा था और बाहर जाने से मना भी कर दिया था. समूह में शामिल लोगों ने उन्होंने दावा किया कि उन्हें हिजाब पहनने वाले छात्राओं की रक्षा करनी है. भगवा शॉल पहने छात्रों के दूसरे समूह ने इसका विरोध किया और जल्द ही पथराव शुरू हो गया.
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भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज किया. एक आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट के बाद शहर में सोमवार रात भी विरोध प्रदर्शन हुआ था. यह घटना तब सांप्रदायिक हो गई जब 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगे. हालांकि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में कर लिया. दावणगेरे प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में बाहरी लोगों और छात्रों के बीच टकराव के कारण तनावपूर्ण स्थिति बनी रही. पुलिस ने हालात को देखते हुए लाठीचार्ज कर भीड़ को तितर-बितर किया.
इस बीच, हाई कोर्ट में हिजाब विवाद के मामले की सुनवाई चल रहा है और जल्द ही फैसला आने की उम्मीद है. सरकार ने कहा है कि वह इस मामले में अदालत के फैसले के बाद स्पष्ट आदेश जारी करेगी.