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Karnataka Hijab Row: हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित - Karnataka HC reserves its order on Hijab Row

कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर फैसला सुरक्षित रखा.

हाईकोर्ट
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Published : Feb 25, 2022, 5:18 PM IST

Updated : Feb 28, 2022, 4:12 PM IST

बेंगलुरु : कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर अपना फैसला सुरक्षित रखा (Karnataka HC reserves its order on Hijab Row) है. पिछले 11 दिनों से हिजाब विवाद को लेकर सुनवाई जारी थी. शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को लेकर कोर्ट में तमाम याचिकाएं दायर (various petitions challenging the ban on Hijab in education institutions) की गई थी. इन सभी याचिकाओं पर सुनवाई के बाद शुक्रवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.

जानकारी के मुताबिक, मुख्य न्यायाधीश जस्टिस ऋतुराज अवस्थी ने कहा, 'सुनवाई पूरी हुई, आदेश सुरक्षित रखा जाता है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ताओं को लिखित दलीलें (यदि कोई हो) देने को भी कहा. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस. दीक्षित और जस्टिस जे. एम. काजी की पीठ का गठन नौ फरवरी को किया गया था. अदालत ने संबंधित याचिकाओं की रोजाना आधार पर सुनवाई की. कुछ लड़कियों ने याचिकाओं में कहा था कि जिन शैक्षणिक संस्थानों में यूनिफॉर्म लागू हैं, उनमें उन्हें हिजाब पहनकर जाने की अनुमति दी जाए.

बता दें कि उडुपी में एक प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में गत दिसम्बर में ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के लिए कुछ लड़कियों को कक्षा में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी थी. हिजाब के कारण प्रवेश नहीं पाने वाली छह लड़कियां प्रवेश पर प्रतिबंध के खिलाफ कैम्पस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीपीआई) की ओर से एक जनवरी को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में शामिल हुई थीं. इसके बाद छात्रों ने विरोधस्वरूप केसरिया शॉल रखना शुरू कर दिया था.

अपने अंतरिम आदेश में, पीठ ने सरकार से कहा था कि वह उन शैक्षणिक संस्थानों को फिर से खोले, जो आंदोलन से प्रभावित थे, और अदालत द्वारा अंतिम आदेश जारी किए जाने तक छात्रों को धार्मिक प्रतीक वाले कपड़े पहनने से रोक दिया गया था. एक कॉलेज के प्राचार्य ने कहा, 'हिजाब पहनने को लेकर संस्थान का कोई नियम नहीं है, क्योंकि पिछले 35 सालों में किसी ने भी कक्षा में इसे नहीं पहना था. मांग कर रही छात्राओं को बाहरी ताकतों का समर्थन प्राप्त था.'

Last Updated : Feb 28, 2022, 4:12 PM IST

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