बेंगलुरु :कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने तत्कालीन राज्य सरकार के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) के गठन के 14 मार्च, 2016 के आदेश को गुरुवार को रद्द कर दिया और एसीबी के समक्ष लंबित सभी मामले लोकायुक्त को सौंप दिए. एसीबी के कर्मचारियों को लोकायुक्त में समाहित किया जाएगा. इसके साथ ही अदालत ने जनहित में सरकार को सक्षम व्यक्तियों को लोकायुक्त और उप-लोकायुक्त नियुक्त करने का निर्देश दिया.
न्यायमूर्ति बी. वीरप्पा और न्यायमूर्ति के. एस. हेमलेखा की पीठ का यह फैसला उस याचिका पर आया है जिसमें एसीबी के गठन और 16 मार्च, 2016 के सरकारी आदेश को चुनौती दी गई थी. 16 मार्च, 2016 के सरकारी आदेश में भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत मामले दर्ज करने और जांच करने का अधिकार लोकायुक्त पुलिस से वापस ले लिया गया था.