बेंगलुरु :कर्नाटक में विरोध प्रदर्शन की जगह को लेकर कर्नाटक हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है. हाईकोर्ट ने कहा है कि फ्रीडम पार्क को छोड़कर किसी भी जगह या सार्वजनिक सड़क पर विरोध, रैलियों की अनुमति न दी जाए. खबरों के मुताबिक कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रितु राज अवस्थी और न्यायमूर्ति एसआर कृष्ण कुमार (Chief Justice Ritu Raj Awasthi and Justice SR Krishna Kumar) ने एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई के दौरान यह निर्देश दिए. पीठ ने कहा कि ये अंतरिम निर्देश जनहित याचिका के लंबित रहने के दौरान लागू रहेंगे. वर्ष 2021 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया था. बता दें कि मेकेदातु परियोजना लागू करने की मांग को लेकर कांग्रेस द्वारा निकाली जा रही पदयात्रा के दौरान कोविड प्रोटोकॉल उल्लंघन के आरोप लगे थे. इस मामले में कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार सहित पार्टी के 64 नेताओं के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई है.
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को किसी भी समूह, संगठन या किसी भी विरोध, जुलूस, प्रदर्शन, रैली या मार्च को तत्काल प्रभाव से अनुमति नहीं देने का निर्देश दिया. विरोध और रैलियों के कारण ट्रैफिक जाम से पीड़ित रहे बेंगलुरु निवासियों को राहत देते हुए अदालत ने कहा, फ्रीडम पार्क, गांधीनगर में निर्दिष्ट स्थान को छोड़कर शहर में किसी भी स्थान या सार्वजनिक सड़क पर राजनीतिक दल विरोध और रैलियां नहीं करेंगे. फ्रीडम पार्क में विरोध प्रदर्शन या जनसभा करने की अनुमति देते हुए, अदालत ने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ऐसी गतिविधियां संगठित तरीके से आयोजित की जाएं. अदालत ने कहा कि यातायात की आवाजाही को बाधित किए बिना प्रोटेस्ट हो. कोर्ट ने कहा, विशेष रूप से व्यस्त समय के दौरान आम जनता को कोई कठिनाई नहीं होनी चाहिए.
प्रदर्शनों के गंभीर प्रभाव
दिलचस्प है कि कर्नाटक हाईकोर्ट की खंडपीठ ने जनहित याचिका लंबित रहने के बावजूद अंतरिम निर्देश जारी किया. अदालत ने कहा, बेंगलुरु की विभिन्न सड़कों पर प्रदर्शनों और जुलूसों के गंभीर परिणाम होते हैं. इसके अलावा यातायात सहित अन्य दैनिक गतिविधियों पर भी व्यापक प्रभाव पड़ता है. अदालत ने कहा, कानून के अनुसार ऐसी गतिविधियों को विनियमित करने के लिए बनाए गए नियमों से जुड़े कई मुद्दों की जांच की जानी है.
हाईकोर्ट की फटकारके बाद सरकार ने दिखाई सख्ती
बता दें कि मेकेदातु पदयात्रा के बेंगलुरु के दक्षिण और पश्चिमी हिस्सों में यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ था. इससे पहले गत जनवरी महीने में मेकेदातु परियोजना पर कांग्रेस की पदयात्रा को लेकर कर्नाटक सरकार ने सख्ती दिखाई थी. कर्नाटक के गृहमंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा था कि मेकेदातु पदयात्रा को आगे बढ़ाने की अनुमति (Permission to proceed with Mekedatu padyatra) नहीं दी जाएगी. इस संबंध में जिला आयुक्त और पुलिस विभाग को निर्देश जारी कर दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें यात्रा आगे नहीं बढ़ने दी जाएगी. अगर उन्होंने पदयात्रा नहीं रोकी, तो सरकार इसे रोकने के लिए जो जरूरी होगा, वह करेंगे.