दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Shivakumar Petition Dismissed: शिवकुमार के खिलाफ चलेगा केस, कर्नाटक हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका - शिवकुमार के खिलाफ सीबीआई जांच

आय से अधिक संपत्ति मामले में कर्नाटक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार को कर्नाटक हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने शिवकुमार की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उनके खिलाफ सीबीआई जांच की मंजूरी को चुनौती दी गई थी.

Karnataka High Court
डीके शिवकुमार

By

Published : Apr 21, 2023, 8:02 AM IST

बेंगलुरु:कर्नाटक हाईकोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार की आय से अधिक संपत्ति मामले से जुड़ी याचिका को खारिज कर दिया है. शिवकुमार ने याचिका में उनके खिलाफ राज्य सरकार द्वारा मामले की जांच सीबीआई से कराने के फैसले को चुनौती दी गई थी. आपको बता दें कि बीजेपी नीत राज्य सरकार ने उनके खिलाफ 25 सितंबर, 2019 को सीबीआई जांच कराने की मंजूरी दी थी, जिसके बाद सीबीआई ने 3 अक्टूबर, 2020 को शिवकुमार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया था.

डीके शिवकुमार ने कर्नाटक हाईकोर्ट में सीबीआई जांच की मंजूरी और एफआईआर दोनों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में दो याचिकाएं दायर की थीं. हालांकि, कर्नाटक हाईकोर्ट ने बीते दिनों सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. हाईकोर्ट ने बुधवार को प्राथमिकी (एफआईआर) को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई 30 मई तक के लिए स्थगित कर दी थी, जबकि न्यायमूर्ति नटराजन की एकल पीठ ने सीबीआई जांच की मंजूरी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है.

आपको बता दें कि आयकर विभाग ने साल 2017 में डीके शिवकुमार के कार्यालयों और आवास पर छापेमारी की थी. छापेमारी के आधार पर ईडी ने शिवकुमार के खिलाफ अपनी जांच शुरू कर दी थी. ईडी की जांच के बाद सीबीआई ने राज्य सरकार से अनुमति लेकर शिवकुमार खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली थी. जिसके बाद डीके शिवकुमार ने सीबीआई जांच की मंजूरी और प्राथमिकि को राजनीति से प्रेरित बताते हुए हाईकोर्ट में चुनौती दी थी. आपको बता दें कि आय से अधिक आय मामले में उनके खिलाफ तीन प्राथमिकी पहले ही दर्ज की जा चुकी हैं.

ये भी पढ़ें-Karnataka Assembly Election 2023 : कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार के पास 1414 करोड़ रु. की संपत्ति, पर ये भी नहीं हैं सबसे धनी उम्मीदवार

आपको बता दें कि शिवकुमार विधायक थे इसलिए विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति लेनी पड़ती थी, जो इस मामले में नहीं की गई. सरकार ने मंजूरी देने के कारणों का भी उल्लेख नहीं किया था. सीबीआई ने याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि आरोपी यह मांग नहीं कर सकता कि उसके खिलाफ कौन सी एजेंसी जांच करे. इसने तर्क दिया कि चूंकि सीबीआई एक विशेष अधिनियम के तहत अधिनियमित की गई थी, इसलिए अभियोजन की मंजूरी देने के कारणों का उल्लेख करने की कोई आवश्यकता नहीं थी. दावा किया गया कि 90 फीसदी जांच पूरी हो चुकी है.

सीबीआई ने जांच की स्थिति रिपोर्ट भी अदालत को सौंपी थी. क्योंकि यह आय से अधिक आय से संबंधित एक विशेष मामला था, याचिका को खारिज करने की मांग की गई थी. शिवकुमार पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 13(2), धारा 13(1)(ई) के तहत आरोप लगाए गए हैं, जबकि उच्च न्यायालय ने गुरुवार शाम को शिवकुमार की याचिका को खारिज करने का आदेश दिया.

(पीटीआई)

ABOUT THE AUTHOR

...view details