दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

कर्नाटक सरकार मंदिरों में 'सलाम आरती' का नाम बदलेगी, सर्कुलर जारी

कर्नाटक में मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के समय से चली आ रही 'सलाम आरती' (Salam Aarti) का नाम बदला जाएगा. मुजराई मंत्री शशिकला जोले (Mujarai Minister Sasikala Jolle) ने शनिवार को इस संबंध में जानकारी दी.

Mujarai Minister Sasikala Jolle
मुजराई मंत्री शशिकला जोले

By

Published : Dec 10, 2022, 5:29 PM IST

बेंगलुरु:कर्नाटक सरकार ने मुजरई विभाग के तहत आने वाले मंदिरों में होने वाली 'सलाम आरती' (Salam Aarti), 'देवतिगे सलाम' और 'सलाम मंगलारथी' के नाम बदलने के लिए एक सर्कुलर जारी किया है. मुजराई मंत्री शशिकला जोले (Mujarai Minister Sasikala Jolle) ने शनिवार को एक प्रेस बयान में ऐसा कहा.

उन्होंने कहा कि इन्हें पारंपरिक नाम देने पर कर्नाटक धर्मिका परिषद में चर्चा की गई है. केवल इन पूजा सेवाओं के नाम को हमारी स्थानीय भाषा के शब्दों में बदलने का निर्णय लिया गया है. मंदिरों में देवतिगे सलाम, सलाम मंगलारती और सलाम आरती भगवान को सुबह, दोपहर और शाम के समय की जाती थी.

धार्मिक बंदोबस्ती विभाग के वरिष्ठ आगम पंडितों (senior Agama Pandits) के अनुसार, अब से मंदिरों में 'देवतिगे सलाम' शब्द के बजाय 'देवतिगे सलाम' शब्द, 'सलाम आरती' शब्द के बजाय 'आरती नमस्कार' किया जाएगा. और 'सलाम मंगलारती' शब्द के स्थान पर 'मंगलारती नमस्कार'. मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस पर एक सर्कुलर जारी करने का निर्णय लिया गया है.

धार्मिक परिषद के सदस्यों ने ध्यान में लाया कि सार्वजनिक क्षेत्र में भक्तों का बहुत आग्रह है कि इन सेवाओं को बदला जाना चाहिए. इसकी पृष्ठभूमि में राज्य धर्म परिषद (State Religious Council) में विस्तृत चर्चा हुई.

मंत्री शशिकला जोले ने कहा कि हम सिर्फ दूसरी भाषा के शब्दों को बदलते हैं, अपनी भाषा के शब्दों को अपनाते हैं और अतीत से चली आ रही परंपराओं और पूजा-पाठ को जारी रखते हैं, पूजा समारोह रद्द नहीं होंगे. कर्नाटक के मुजरई विभाग के तहत आने वाले मुख्य मंदिरों में मेलुकोटे में चालुवा नारायणस्वामी मंदिर, कुक्के सुब्रह्मण्य मंदिर, कोल्लूर में मूकाम्बिका मंदिर और दक्षिण कन्नड़ जिले के पुत्तूर में महालिंगेश्वर मंदिर हैं.

मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के समय में 'सलाम आरती' की रस्म शुरू की गई थी. टीपू सुल्तान ने मैसूर राज्य के कल्याण के लिए अपनी ओर से पूजा कराई थी. अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में उनकी मृत्यु के बाद भी राज्य भर के विभिन्न हिंदू मंदिरों में ये अनुष्ठान जारी है.

पढ़ें- सीमा विवाद पर बोम्मई ने कहा, महाराष्ट्र के प्रतिनिधिमंडल की शाह से मुलाकात का कोई फर्क नहीं पड़ेगा

ABOUT THE AUTHOR

...view details