बेंगलुरु : कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी. के. शिवकुमार (Karnataka Deputy CM Shivakumar) ने अपने खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को राज्य सरकार द्वारा दी गई मंजूरी के विरुद्ध दायर याचिका कर्नाटक उच्च न्यायालय की एकल पीठ में खारिज होने के बाद सोमवार को खंडपीठ अपील दायर की.
मुख्य न्यायाधीश प्रसन्ना बी. वराले और न्यायमूर्ति एम. जी. एस. कमल की खंडपीठ ने उनकी अपील पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार और सीबीआई को अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए नोटिस जारी करने का आदेश दिया और सुनवाई स्थगित कर दी.
शिवकुमार के वकील ने दलील दी कि मंजूरी एक कुत्सित मकसद से दी गई थी और इसलिए इसे रद्द कर दिया जाना चाहिए. केंद्रीय एजेंसी के एक अनुरोध के बाद राज्य सरकार ने 25 सितंबर, 2019 को मुकदमे की मंजूरी दी थी और सीबीआई ने तीन अक्टूबर, 2020 को उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.
शिवकुमार ने उच्च न्यायालय की एकल पीठ के समक्ष मुकदमे की मंजूरी को चुनौती दी थी. न्यायमूर्ति के. नटराजन ने 20 अप्रैल, 2023 को याचिका खारिज कर दी थी, जिसे खंडपीठ में चुनौती दी गई है.