कोलार (कर्नाटक) :ग्राम देवता बूथम्मा को छूने के लिए एक नाबालिग दलित लड़के पर 60,000 रुपये का जुर्माना लगाने के बाद मलूर मस्ती पुलिस ने आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. बुधवार को कोलार के उपायुक्त वेंकट राजा, एसपी डी देवराज, डिप्टी एसपी मुरलीधर और वरिष्ठ समाज कल्याण अधिकारियों ने मलूर तालुक के मस्ती के उल्लेरहल्ली का दौरा किया और लड़के और उसके माता-पिता से बात की. सभी पक्षों के नेताओं से भी इस मुद्दे पर बात की.
एसपी देवराज ने कहा कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उनकी सीधी निगरानी में दो टीमों का गठन किया गया था. एक टीम का नेतृत्व डिप्टी एसपी मुरलीधर करेंगे, जो जांच अधिकारी भी हैं.
ये है मामला : 7 सितंबर को जब बूथम्मा के देवता (Bhuthamma Deva) को बारात में ले जाया गया तो 15 साल के लड़के ने मूर्ति को छुआ, जिससे हंगामा मच गया. ऊंची जाति के लोगों ने पंचायत बुलाई और लड़के के माता-पिता को बुलाया. उन्होंने कहा कि उत्सव मूर्ति को छूने के लिए परिवार 60,000 रुपये का जुर्माना अदा करे ( punishment for touching Gods idol ). वे मूर्ति को शुद्ध करने के लिए पूजा करने के लिए पैसे चाहते थे. जुर्माना नहीं भरने पर शहर छोड़ने की चेतावनी दी गई.उन्हें बहिष्कृत करने की धमकी दी थी.
घटना के कुछ दिनों बाद, दलित संगठन के कुछ नेताओं ने गांव का दौरा किया और गांव में दलितों के खिलाफ हिंसा, निर्वासन और छुआछूत की निंदा की. पीड़ित परिवार को हिम्मत देने के बाद 20 सितंबर को मस्ती थाने में जातिगत शोषण और हिंसा का मामला दर्ज किया गया था.