बेंगलुरु : कर्नाटक में कांग्रेस ने एक किताब के विमोचन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है (Karnataka Congress files police complaint). किताब में कथित रूप से विपक्ष के नेता सिद्धरमैया पर अपमानजनक, काल्पनिक और भड़काऊ लेख हैं. पार्टी ने मांग की है कि पुलिस को 'सिद्दू निजा कनसुगालु' नामक पुस्तक का विमोचन रोकना चाहिए. यही नहीं मामला कोर्ट में भी पहुंचा. सिद्धारमैया के बेटे और विधायक डॉ यतींद्र सिद्धारमैया ने पुस्तक पर रोक लगाने की मांग वाली एक याचिका दायर की. इसके बाद बेंगलुरु सिटी सिविल कोर्ट ने किताब के विमोचन पर रोक लगा दी (Karnataka court stays release of book). दोपहर तीन बजे होने वाले कार्यक्रम से कुछ मिनट पहले कोर्ट ने स्थगन आदेश जारी किया.
राज्य कांग्रेस लीगल सेल के महासचिव सूर्या मुकुंदराज ने कहा कि किताब के कवर पेज पर सिद्धरमैया की विकृत छवि भी है. उन्होंने आगे कहा कि आमंत्रित लोगों का सोशल मीडिया पर झूठे मैसेज डालने और राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाने के लिए एक विशेष समुदाय को लक्षित करने का ट्रैक रिकॉर्ड है.
सूर्या मुकुंदराज ने कहा, इस बार भी सिद्धरमैया को एक निश्चित तरीके से पेश कर सांप्रदायिक माहौल खराब करने का इरादा है, जिससे समाज में सांप्रदायिक अशांति पैदा होती है.
यदि इस कार्यक्रम के लिए अनुमति दी गई तो इसे वापस लिया जाना चाहिए और आयोजकों को पुस्तक विमोचन कार्यक्रम रद्द करने का निर्देश दिया जाना चाहिए. बेंगलुरु के एस.जे. पार्क पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई है.
सिद्धरमैया आरएसएस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर अपने तीखे हमलों के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में उन्होंने मोदी के सामने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की तुलना एक 'पिल्ले' से की थी, जिससे विवाद खड़ा हो गया था. बाद में, उन्होंने अपने बयान का बचाव किया और चुटकी ली कि उन्होंने जो कहा वह सही था और वह बोम्मई की तुलना शेर या बाघ से नहीं कर सकते.