बेंगलुरु : कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Karnataka CM Basavaraj Bommai) होंगे. भाजपा नेता और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) ने बोम्मई के सीएम चुने जाने का औपचारिक एलान किया. विधायक दल के नेता सह सीएम चुने जाने के बाद बोम्मई (Karnataka CM elect Basavaraj S Bommai) ने कहा कि यह एक बड़ी जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा कि वे गरीबों के कल्याण के लिए काम करने का प्रयास करेंगे और उनकी सरकार जन हितैषी और गरीब समर्थक होगी. बोम्मई ने येदियुरप्पा के पैर छूकर आशीर्वाद लिया.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत (Thawar Chand Gehlot) गुरुवार को बोम्मई (Bommai Oath Governor Gehlot) को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगे. समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बसवराज बोम्मई ने कहा कि राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने मुझे सरकार गठन के लिये आमंत्रित किया है. उन्होंने कहा कि वे आज 11 बजे शपथ लेंगे.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कर्नाटक के विधायक दल की बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा (Yediyurappa) ने खुद बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) का नाम प्रस्तावित किया.
कर्नाटक के कार्यवाहक मुख्यमंत्री बी.एस.येदियुरप्पा ने कहा कि 'हमने सर्वसम्मति से बसवराज बोम्मई को विधायक दल का नेता चुना, हम सब बहुत खुश हैं.' वहीं, कर्नाटक भाजपा नेता के सुधाकर ने कहा कि 'यह फैसला सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से लिया. उन्हें पार्टी से ही नहीं, पार्टी के बाहर से भी सम्मान मिलता है. बसवराज एस बोम्मई शायद कल शपथ लेंगे.'
इससे पहले कर्नाटक के पूर्व गृह मंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai) और जगदीश शेट्टार ने आज शाम बेंगलुरु में राज्य के बीजेपी पर्यवेक्षकों और केंद्रीय मंत्रियों धर्मेंद्र प्रधान और जी किशन रेड्डी से मुलाकात की. शाम 7.30 बजे विधायक दल की बैठक हुई.
बसवराज बोम्मई ने विधायक दल की बैठक से पहले कुमारा क्रूपा गेस्ट हाउस में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, किशन रेड्डी और अरुण सिंह से मुलाकात की. इस बीच बीजेपी नेता रेणुकाचार्य और डॉक्टर के सुधाकर ने बीजेपी के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह से मुलाकात की.
दिलचस्प है कि कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री की रेस में जिन तीन नामों की बात की जा रही थी, उनमें बसवराज बोम्मई, विश्वेश्वरा हेगड़े कगेरी और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी थे. बीते दिन कर्नाटक के मसले पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने राज्य के प्रभारी अरुण सिंह के साथ मीटिंग भी की थी.
बता दें कि कर्नाटक में इससे पहले भी राजनीतिक अस्थिरता देखी गई थी. साल 2019 में कांग्रेस और जेडीएस की सरकार गिरने के बाद येदियुरप्पा मुख्यमंत्री बने थे. 2019 के जुलाई महीने में ही कुमारस्वामी की सरकार विधानसभा में बहुमत साबित करने में विफल रही थी. 23 जुलाई को विधानसभा में हुए बहुमत परीक्षण में कुमारस्वामी के समर्थन में महज 99 वोट पड़े थे.
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महज 14 महीने में सरकार गिरने के बाद कुमारस्वामी ने निराशा जाहिर की थी, जबकि भाजपा ने विधानसभा में शक्तिपरीक्षण के बाद 105 वोट मिलने को लोकतंत्र की जीत करार दिया था. भाजपा ने कहा था कि जनता कुमारस्वामी सरकार से तंग आ चुकी थी. अब बीजेपी की सरकार आने पर जनता विकास का अनुभव करेगी.
कौन हैं बसवराज बोम्मई