बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Karnataka Chief Minister Siddaramaiah) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर निशाना साधा और कहा कि यह संघीय प्रणाली के लिए ठीक नहीं है और इसमें कई विसंगतियां हैं जो संविधान और लोकतंत्र को कमजोर करती है. विधानसभा में अपने बजट भाषण में उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार स्थानीय समाज, संस्कृति एवं राज्य के आर्थिक परिवेश को ध्यान में रखते हुए एक नयी शिक्षा नीति बनाएगी.
मुख्यमंत्री के पास वित्त विभाग भी है. उन्होंने कहा कि राज्य की नयी नीति उच्च शिक्षा मानकों को वैश्विक स्तर तक पहुंचाएगी और युवाओं को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने तथा सार्थक रोजगार के अवसर प्राप्त करने के लिए सशक्त बनाएगी. सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति शासन की संघीय प्रणाली के लिए ठीक नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा, 'इसमें कई विसंगतियां हैं जो संविधान और लोकतंत्र को कमजोर करती हैं.'
उन्होंने कहा, 'एकीकृत शिक्षा प्रणाली भारत जैसे राष्ट्र के लिए ठीक नहीं है जहां विविध धर्म, भाषाएं और संस्कृतियां हैं.' सिद्धारमैया ने फर्जी अंक प्रमाणपत्र के खतरे के बारे में भी बात की और कहा कहा कि इस समस्या से निपटने के लिए सरकार राज्य में उच्च शिक्षा के छात्रों के लिए 'एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स' में पंजीकरण तथा 'नेशनल एकेडमिक डिपॉजिटरी/डिजिलॉकर' से अपना अंक प्रमाण पत्र एवं शिक्षा प्रमाणपत्र प्राप्त करना अनिवार्य करेगी.
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