बेंगलुरु: कर्नाटक मंत्रिमंडल ने शनिवार को राज्य में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कोटा बढ़ाने को औपचारिक मंजूरी दे दी. राज्य सरकार एक आदेश जारी करेगी, जिसके जरिये राज्य में अनुसूचित जाति का कोटा 15 फीसदी से बढ़कर 17 फीसदी हो जाएगा, जबकि अनुसूचित जनजाति कोटा तीन फीसदी से बढ़कर सात फीसदी हो जाएगा. इसके बाद वह केंद्र को एक सिफारिश करके कोटा को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाने की प्रक्रिया भी शुरू करेगी.
कर्नाटक मंत्रिमंडल ने अनुसूचित जाति-जनजाति कोटा बढ़ाने को दी मंजूरी - न्यायमूर्ति एचएन नागमोहन दास आयोग की रिपोर्ट
कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक में न्यायमूर्ति एचएन नागमोहन दास आयोग की रिपोर्ट (Justice Nagamohan Das committee report) की सिफारिश के अनुरूप अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को आरक्षण दिए जाने का फैसला किया था.
बेंगलुरु में मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने राज्य मंत्रिमंडल की एक विशेष बैठक के बाद कहा, 'मंत्रिमंडल की आज बैठक हुई. कल (शुक्रवार को) सर्वदलीय बैठक में लिए गए फैसले के अनुरूप न्यायमूर्ति एचएन नागमोहन दास आयोग की रिपोर्ट (Justice Nagamohan Das committee report) को स्वीकार कर लिया गया, जिसमें अनुसूचित जाति का कोटा 15 फीसदी से बढ़ाकर 17 फीसदी करने और अनुसूचित जनजाति का कोटा तीन फीसदी से बढ़ाकर सात फीसदी करने की सिफारिश की गई है.'
संवाददाताओ से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बारे में तुरंत आदेश जारी करने और एक राजपत्रित अधिसूचना जारी करने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले को कानूनी संरक्षण प्रदान करने के लिए इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल किया जाएगा. वहीं, कानून और विधायी कार्य मंत्री जेसी मधुस्वामी ने कहा कि मंत्रिमंडल का निर्णय सरकारी आदेश के जरिये लागू किया जाएगा, जिसे दो-तीन दिन में जारी कर दिया जाएगा.