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रिसेप्शन के दिन ब्रेन डेड हुई बेटी के माता-पिता ने किए अंगदान

दुख की घड़ी में कम लोग ही होते हैं जो दूसरों के लिए कुछ अच्छा करने की सोच पाते हैं. कर्नाटक के एक परिवार ने भी कुछ ऐसा किया है जिसकी जितनी भी तारीफ की जाए कम है. जानिए क्या है मामला.

Bride fell unconscious on stage
चित्रा

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Published : Feb 12, 2022, 7:05 PM IST

Updated : Feb 12, 2022, 7:53 PM IST

कोलार/बेंगलुरु: कर्नाटक में एक 26 वर्षीय दुल्हन अपनी शादी के रिसेप्शन के दौरान गिर गई थी. शुक्रवार को कर्नाटक के कोलार जिले में डॉक्टरों ने उसे 'ब्रेन डेड' घोषित कर दिया. इसके बाद, उसके माता-पिता ने साहसिक निर्णय लिया. उन्होंने राज्य के स्वास्थ्य विभाग से उसके अंगों को दान करने की इच्छा जताई.

यह घटना कोलार जिले के श्रीनिपासपुरा में हुई, जहां दूल्हा-दुल्हन के साथ लोग तस्वीरें खिंचा रहे थे. इसी दौरान दुल्हन चित्रा अचानक मंच पर बेहोश हो गई. उसे जल्द ही बेंगलुरु निमहंस अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टर ने उसे 'ब्रेन डेड' घोषित कर दिया. जब इस घटना से वर और वधू दोनों के परिवार सदमे में आ गए. हालांकि चित्रा के माता-पिता ने ऐसा फैसला लिया जो कम लोग ले पाते हैं. उन्होंने बेटी के अंग दान करने का फैसला किया.

माता-पिता के इस कदम की कर्नाटक के स्वास्थ्य मंत्री के. सुधाकर ने तारीफ की है. उन्होंने प्रतिकूल परिस्थितियों में माता-पिता के साहस और संयम की सराहना करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया.

सुधाकर ने ट्वीट किया '26 साल की चित्रा के लिए यह बड़ा दिन था लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था. वह कोलार जिले के श्रीनिवासपुरा में अपनी शादी के रिसेप्शन के दौरान गिर गई. बाद में उसे निमहंस में ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. दिलदहला देने वाली घटना के बावजूद, उसके माता-पिता ने उसके अंग दान करने का फैसला किया है.'

क्या है अंगदान?

अंगदान वह प्रक्रिया है जिसमें एक जीवित या मृत व्यक्ति अपने स्वस्थ अंग का किसी दूसरे व्यक्ति के स्वास्थ्य हित में दान करता है. अंग प्रत्यारोपण के माध्यम से अंग को दाता के शरीर से निकालकर प्राप्तकर्ता के शरीर में प्रत्यारोपित किया जाता है. आमतौर पर शरीर के ज्यादातर अंगों का प्रत्यारोपण दाता व्यक्ति की मृत्यु के बाद एक सीमित अवधि तक ही संभव हो पाता हैं. वहीं कुछ अंगों या अंगों के हिस्सों को जीवित व्यक्ति भी दान कर सकते है.

पढ़ें- Organ Donation Day: अंगदान से हजारों लोगों को मिल सकता है नया जीवन

एक सर्वेक्षण के अनुसार भारत में हर साल लगभग 500,000 लोग अंगों की अनुपलब्धता के कारण मृत्यु से हार हो जाते हैं. इनमें लगभग 200,000 लोग लीवर की बीमारी से और 50,000 लोग हृदय रोग के कारण मृत्यु का शिकार बन जाते हैं.

Last Updated : Feb 12, 2022, 7:53 PM IST

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