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कर्नाटक का कथित बिटकॉइन स्कैम : राजनीतिक आरोपों से ज्यादा दिलचस्प आरोपी हैकर की कहानी

कर्नाटक का कथित बिटकॉइन घोटाला सत्ताधारी बीजेपी को परेशान कर रहा है. कांग्रेस लगातार मुख्यमंत्री पर हमले कर रही है. मगर जिसने डार्क वेब में जाकर बिटकॉइऩ की चोरी की, उसकी कहानी बड़ी ही दिलचस्प है.

Karnataka Bitcoin scam
Karnataka Bitcoin scam

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Published : Nov 18, 2021, 8:25 PM IST

हैदराबाद :कर्नाटक में कथित बिटकॉइन घोटाले को लेकर राजनीति गरमाने लगी है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष से लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व तक कर्नाटक सरकार और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को कठघरे में खड़ा कर रही है. कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार का आरोप है कि बिटकॉइन घोटाले में बीजेपी के नेता भी शामिल हैं. कांग्रेस ने बेंगलुरु पुलिस पर जांच के दौरान जब्त किए गए बिटकॉइन का गलत इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने आरोप लगाते हुए दावा किया कि यह घोटाला बहुत बड़ा हो सकता है कि क्योंकि सिर्फ दो दिन 1 दिसंबर 2020 और 14 अप्रैल 2021 को 5,240 करोड़ रुपये का अवैध ट्रांजेक्शन हुआ था. इस मुद्दे पर राहुल गांधी ने भी ट्वीट किए हैं.

कथित बिटकॉइन घोटाले के पीछे की कहानी को पढ़ें

4 नवंबर 2020 में बेंगलुरु पुलिस ने सुनीश हेगड़े नाम के व्यक्ति को 500 ग्राम हाइड्रो गांजा के साथ पकड़ा था. पूछताछ में उसने बताया कि वह श्रीकृष्ण रमेश उर्फ श्रीकी के लिए नशे का कारोबार कर रहा था. 17 नवंबर 2020 को पुलिस ने श्रीकृष्ण रमेश समेत 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया. जब पूछताछ शुरू हुई तो पता चला कि श्रीकी दुनिया के खतरनाक ब्लैक कैट हैकरों में शुमार है. उसने रिले चैट के जरिये दुनिया भर के हैकरों से दोस्ती भी गांठ रखी है. श्रीकी ने डार्क वेब की काली दुनिया में किए गए अपने करतूतों का खुलासा किया. वह डार्क वेब की वर्चुअल दुनिया में 'रोज' और 'बिग बॉस' के नाम से चर्चित था.

डार्क वेब का बिग बॉस है हैकर श्रीकी :डार्क वेब इंटरनेट की ऐसी दुनिया है, जिसका इस्तेमाल ज्यादातर आपराधिक गतिविधियों के लिए ही किया जाता है. यहां पर हैकिंग सर्विस की तरह होती है, मतलब पैसे देकर किसी की भी हैकिंग करवाई जा सकती है. जहां घर बैठे कोकीन से एके-47 तक की खरीद बिक्री की जाती है. हैकर्स यहां अपने चुराए गए डेटा को खुलेआम बेचते हैं. इस वर्चुअल दुनिया में ज्यादातर खरीद-बिक्री क्रिप्टो करेंसी से होती है. श्रीकृष्ण रमेश उर्फ श्रीकी को नशे की लत थी. वह डार्क वेब के जरिये ड्रग्स खरीदता था और पेमेंट बिटकॉइन के जरिये करता था. बिटकॉइन हासिल करने के लिए उसने इसकी खरीद-बिक्री करने वाले वेबसाइटों और ऐप्स को हैक किया था.

कांग्रेस ने कैसे किया घोटाले का कैलकुलेशन :जब उसने हैकिंग शुरू की तब एक बिटकॉइन की कीमत 60 हजार डॉलर थी. भारतीय करंसी में करीब 48 लाख रुपये. श्रीकृष्ण ने हैकिंग कर कितने बिटकॉइन चुराए, यह आंकड़ा अभी सामने नहीं आया है. मगर जब बेंगलुरू पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो उसे वॉलेट में 31 बिटकॉइन मिले, जिसकी कीमत 9 करोड़ रुपये आंकी गई. कांग्रेस इस बरामदगी को कम बता रही है. कांग्रेस का आरोप है कि बरामद बिटकॉइन की संख्या अधिक थी, जिसे पुलिस की मदद से बंदरबांट कर लिया गया. कांग्रेस नेता बिटकॉइन की कीमत 5,240 करोड़ रुपये बता रहे हैं. आरोप है कि श्रीकी ने 5000 से अधिक बिटकॉइन की हैंकिंग की.

जाने कैसे फूटा हैकर श्रीकृष्ण उर्फ श्रीकी का भांडा :25 साल का श्रीकृष्ण रमेश कम ही उम्र में कंप्यूटर लैंग्वेज का एक्सपर्ट बन गया. उसने स्कूल के दौरान ही हैकिंग शुरू कर दी थी. जैसा कि पहले बता चुके हैं कि श्रीकृष्ण रमेश उर्फ श्रीकी डार्क नेट पर ड्रग्स खरीदने के लिए बिटकॉइन का इस्तेमाल करता था. उसने बिटकॉइन ट्रेडिंग करने वाले रॉबिन खंडेलवाल को डार्क वेब से लेन-देन किया. खंडेलवाल ने कबूल किया कि उसने श्रीकी ने उसे बिटकॉइन ट्रांसफर किए थे. इससे श्रीकृष्ण रमेश का भांडा फूट गया. फिलहाल ईडी, सीआईडी और क्राइम ब्रांच तफ्तीश कर रही है. श्रीकी पर 2019 में कर्नाटक सरकार की ई-प्रोक्योरमेंट साइट हैक करने और 11.5 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी करने का भी आरोप है. 2018 में भी ड्रग्स पैडलिंग में पुलिस ने उसे पकड़ा था.

क्या हैं सवाल, जो बीजेपी को परेशान कर रही है :आरोपी श्रीकृष्ण रमेश उर्फ श्रीकी को विभिन्न केसों में करीब 100 दिन तक न्यायिक हिरासत में रखा गया. उसके खिलाफ गंभीर आरोप थे. फिर उसे जमानत कैसे मिल गई. श्री की के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के दौरान कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई गृह मंत्री थे. कर्नाटक पुलिस ने इंटरनैशनल स्तर की हेराफेरी के मामले में इंटरपोल को देर से सूचना क्यों दी.

बीजेपी कांग्रेस से हमले के बाद डिफेंसिव मोड में है. सीएम बसवराज बोम्मई का कहना है कि प्रदेश सरकार की सिफारिश के बाद इस केस की जांच सीबीआई और ईडी कर रही है. जांच में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. कर्नाटक पुलिस ने भी साफ किया है कि आरोपी के पास बरामद बिटकॉइन को कही ट्रांसफर नहीं किया गया है.

ऑनलाइन अपराध के कारोबार डार्क वेब के जरिये ही होता है.

हालांकि बीजेपी का आरोप है कि यह घोटाला कांग्रेस के जमाने का है. बीजेपी की तरफ से सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर की गई है. उस फोटो में सिद्धारमैया के दिवंगत बेटे राकेश बिटकॉइन घोटाले के मुख्य आरोपी श्रीकी और सुनीश हेगड़े के साथ नजर आ रहे हैं.

अंत में समझें क्या बिटकॉइन भारत में लीगल है

बिटकॉइन एक वर्चुअल करेंसी है. इसकी वर्तमान कीमत 44,19,757 रुपये है. इस करेंसी में दुनिया के धनी बिजनेसमैन ने भी इनवेस्ट किया है. बताया जाता है कि एक बिटकॉइन की कीमत एक करोड़ रुपये तक जा सकती है. बड़े कारोबारी सीधी तौर पर इससे कारोबार करते हैं. इंटरनेट की दुनिया में हो रहे काले कारोबार में इसकी काफी डिमांड है. ज्यादातर लेन-देन इसी वर्चुअल करेंसी के जरिये होते हैं.

भारत में क्रिप्टो करेंसी गैरकानूनी नहीं है, मगर सरकार इसकी जिम्मेदारी नहीं लेती है.

भारत में बिटकॉइन या अन्य क्रिप्टो करेंसी गैरकानूनी नहीं है. आप इससे कारोबार कर सकते हैं. मगर भारत सरकार ने इस करेंसी के लिए कोई एजेंसी या नियम तय नहीं किए हैं. इसलिए इसकी खरीद-बिक्री या ऑनलाइन चोरी होने के बाद सरकार से शिकायत नहीं कर सकते. न ही पुलिस आपकी मदद करेगी. भारत में 80 लाख निवेशकों ने अपनी रिस्क पर क्रिप्टो करेंसी में10 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर रखा है.

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