बेंगलुरु:हर मंदिर की अपनी दिव्यता और कहानियां होती हैं. कर्नाटक में भी एक ऐसा मंदिर है, जो साल में केवल एक बार दीवाली के मौके पर ही खुलता है. बाकी सालभर मंदिर के कपाट बंद रहते हैं. इस मंदिर को दिव्य और चमत्कारी मंदिर माना जाता है. इस मंदिर का द्वार दीवाली के दौरान केवल सप्ताहभर के लिए ही खोला जाता है. जी हां, हम बता रहे हैं कर्नाटक के हसन में स्थित ऐतिहासिक हसनंबा मंदिर के बारे में. हर साल दीवाली के त्योहार पर मां हसनंबा देवी के दर्शन होते हैं. बाकी साल भर माता को मंदिर के अंदर बंद कर दिया जाता है.
दिव्य और चमत्कारी घटनाएं
बता दें, हर साल मंदिर के दरवाजे अश्वयुज महीने की पूर्णिमा के बाद गुरुवार को खोले जाते हैं और बलिपदमी पर बंद किए जाते हैं. माता का मंदिर दीवाली से एक दिन पहले खोला जाता है. इस दौरान लाखों की संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए दूर-दूर से आते हैं. लोगों का कहना है कि यहां चमत्कारिक घटना घटती है. दरअसल ऐसा कहा जाता है कि दीवाली के बाद जब मंदिर का द्वार बंद किया जाता है. उससे पहले मां की मूर्ति के सामने दिया जलाया जाता है. फूल चढ़ाए जाते और पके हुए चावल का प्रसाद चढ़ाया जाता है. फिर दरवाजा बंद कर दिया जाता है. साल भर बाद जब दरवाजा खोला जाता है तो दिया वैसे ही जलता मिलता है. फूल एकदम ताजे रहते है और प्रसाद भी नहीं सड़ता है. इस आश्चर्य को देखने के लिए हजारों श्रद्धालु यहां आते हैं.
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
श्रद्धालुओं को कोई परेशानी ना हो इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. जिला कलेक्टर सत्यभामा सी. ने कहा किहसनंबे का दरवाजा आज दोपहर में खोला जाएगा. इसके लिए सारी तैयारियां हो चुकी हैं और बड़ी संख्या में श्रद्धालु मां के दर्शन के लिए आऐंगे इसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए है. इस बार हसनांबे जात्रा महोत्सव को देखते हुए सुरक्षा के लिए 1200 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. बाहरी जिले से भी पुलिस अधिकारियों और जवानों को तैनात करने का निर्णय लिया गया है. बता दें, तीन कैंपों में पुलिस जवानों की ड्यूटी रहेगी.