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नेल्लोर कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सुनवाई: बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का निपटारा

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आंध्र प्रदेश के नेल्लोर सिविल कोर्ट के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का निपटारा किया. High court dismisses Habeas corpus plea, High court video conference nellur court, video conference

High court video conference nellur court
प्रतिकात्मक तस्वीर

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 14, 2023, 1:20 PM IST

बेंगलुरु: एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आंध्र प्रदेश के नेल्लोर सिविल कोर्ट से संपर्क किया और याचिका का निपटारा किया. बेंगलुरु के थंगावेल नाम के एक शख्स ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि उसके माता-पिता ने उसकी पत्नी को अवैध रूप से नेल्लोर में बंधक बना कर रखा है.

उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार, आंध्र प्रदेश पुलिस ने उस युवती को, जिसे थंगावेल की पत्नी बताया गया, नेल्लोर सिविल कोर्ट के समक्ष पेश किया. इस मौके पर नेल्लोर कोर्ट और हाई कोर्ट वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जुड़े रहे. ऑनलाइन पूछताछ के दौरान यह स्पष्ट होने के बाद कि महिला की थंगावेल से शादी नहीं हुई थी, उच्च न्यायालय ने याचिका खारिज कर दी.

मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने नेल्लोर कोर्ट की महिला से बातचीत की और चार सवाल पूछे. क्या आपने आवेदक से विवाह किया है? क्या कोई विवाह प्रस्ताव है? आप कहां रहते हैं क्या माता-पिता की ओर से कोई धमकी या दबाव है?

इस पर युवती ने जवाब दिया, मैं शादीशुदा नहीं हूं और न ही शादी का कोई प्रस्ताव है. युवती ने स्पष्ट किया कि उसके माता-पिता कोई जबरदस्ती नहीं कर रहे या ना ही उन्होंने कोई धमकी नहीं दी थी.

युवती के जवाब के बाद न्यायमूर्ति पीएस दिनेश कुमार और न्यायमूर्ति टीजी शिवशंकर गौड़ा की खंडपीठ ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज कर दी. साथ ही, वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश होकर आंध्र प्रदेश के नेल्लोर सिविल कोर्ट के जज जी. साथ ही हाई कोर्ट ने इस बात की सराहना की कि देविका ने मामले को निपटाने के लिए कड़ी मेहनत की.

मामले की पृष्ठभूमि क्या है? बेंगलुरु के बोम्मनहल्ली स्थित गुलबर्गा कॉलोनी निवासी दिनेश थंगावेल ने हाई कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी. अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि मेरी शादी आंध्र प्रदेश के नेल्लोर जिले के सरस्वती नगर की एक युवती से हुई है. फिलहाल, युवती को उसके माता-पिता ने नेल्लोर में अवैध रूप से हिरासत में रखा है. इसलिए, उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य पुलिस को युवती को उच्च न्यायालय के समक्ष पेश करने का निर्देश दिया जाना चाहिए.

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उच्च न्यायालय ने याचिका पर विचार किया और पुलिस को युवती को नेल्लोर अदालत में पेश करने का आदेश दिया. आंध्र प्रदेश पुलिस ने युवती को नेल्लोर के 5वें अतिरिक्त सिविल न्यायालय के समक्ष पेश किया. इस समय हाई कोर्ट और नेल्लोर कोर्ट वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए जुड़े हुए थे. इस समय नेल्लोर सिविल जज डी. देविका भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश हुईं और बताया कि युवती उनकी अदालत में मौजूद है.

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