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Karnataka Assembly Elections 2023 : कर्नाटक के ये दिग्गज पांच से अधिक बार बन चुके हैं विधायक - विधायक जो सबसे ज्यादा बार जीते हैं

विधानसभा चुनाव में पुराने विधायकों की जीत होती रही है. इससे इस क्षेत्र में उनकी पकड़ का पता चलता है. आइये जानते हैं उन उम्मीदवारों के बारे में जो कम से कम 5 और अधिकतम 8 बार एक विधानसभा से जीत चुके हैं.

Karnataka Assembly Elections 2023
प्रतिकात्मक तस्वीर

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Published : Apr 25, 2023, 12:56 PM IST

बेंगलुरु : राज्य विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ बीजेपी ने 224, कांग्रेस ने 223 और जेडीएस ने 211 उम्मीदवार उतारे हैं. इनमें से कई नए हैं, जबकि अन्य 6 से 8 बार विधायक चुने जा चुके हैं. मौजूदा विधानसभा में सबसे वरिष्ठ विधायक कांग्रेस के आरवी देशपांडे हैं. इससे पहले मल्लिकार्जुन खड़गे विधानसभा के वरिष्ठ विधायक थे. वे 9 बार विधायक चुने गए थे.

  • आरवी देशपांडे : कांग्रेस के आरवी देश पांड़े सबसे अधिक बार निर्वाचित होने वाले उम्मीदवार हैं. उन्हें जनता ने आठ बार विधायक चुना है उन्हें अभी तक सिर्फ एक बार चुनावी लड़ाई में हार का सामना करना पड़ा है. साल 2023 का चुनाव उनका दसवां विधानसभा चुनाव होगा. 1983 से 1994 तक उन्होंने जनता परिवार से चुनाव लड़ा और 4 बार विधायक बने. 1999 में कांग्रेस में शामिल हुए. बाद में उन्होंने 2004, 2013 और 2018 के चुनाव में जीत हासिल की. उन्हें 2008 में उनके ही शिष्य सुनील हेगड़े ने हरा दिया था.
    आरवी देशपांडे
  • सिद्धारमैया : कांग्रेस के इस दिग्गज नेता ने अबतक 10 बार विधानसभा के लिए अपनी दावेदारी पेश की है. उपचुनाव सहित उन्हें आठ बार जीत मिली है. विधानसभा चुनाव में उन्हें अब तक केवल तीन बार हार का सामना करना पड़ा है. साल 1989, 1999 और 2018 में वह चामुंडेश्वरी विधानसभा सीट से चुनाव हार गये थे. पिछले 2018 के चुनावों में सिद्धारमैया बादामी में जीते थे, लेकिन चामुंडेश्वरी में हार गए थे. खास यह है कि सीएम पद पर रहते हुए भी सिद्धारमैया अपने ही विधानसभा क्षेत्र से चुनाव हार गये थे. उस चुनाव में उन्हें बादामी सीट पर बहुत कम अंतर से जीत मिली थी.
    सिद्धारमैया
  • डीके शिवकुमार : कांग्रेस नेता डीके शिव कुमार 7 बार विधायक रहे हैं. केपीसीसी के अध्यक्ष रहे डीके शिवकुमार अब तक 7 चुनाव जीत चुके हैं. उन्होंने आठवीं बार नामांकन पत्र जमा किया है. 1989 में सतनूर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और पहली बार विधायक बने. उन्होंने 1999 का चुनाव पूर्व सीएम कुमारस्वामी के खिलाफ 56 हजार वोटों के अंतर से जीता था. 2008 से, वह कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं.
    डीके शिवकुमार
  • जगदीश शेट्टार : भाजपा से अलग हो कर कांग्रेस में शामिल होने वाले जगदीश शेट्टार लिंगायत समाज के बड़े नेता माने जाते हैं. शेट्टार अबतक 6 बार विधायक रह चुके हैं. इस बार भाजपा ने उन्हें टिकट नहीं दिया. जिसके बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गये. अपने राजनीतिक जीवन वह अबतक मंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा में विपक्ष के नेता और उप मुख्यमंत्री के रूप में काम कर चुके हैं. 1994 में, वह पहली बार हुबली ग्रामीण निर्वाचन क्षेत्र से विधायक चुने गए थे. तब से वह कबी चुनाव नहीं हारे हैं.
    जगदीश शेट्टार
  • केआर रमेश कुमार : मंत्री और पूर्व स्पीकर केआर रमेश कुमार 1978 से चुनावी राजनीति में हैं. उन्होंने 1978 में पहली बार कांग्रेस से चुनाव लड़ा और विधायक बने. इसके बाद 1983 में उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और हार गए. 1985 में वह जनता पार्टी से चुनाव जीते. 1989 में फिर से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़े और उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 1994 में, वह जनता दल से जीते. 1999 में हारने के बाद वह 2004 में फिर से कांग्रेस में शामिल हो गए और लगातार जीतते रहे.
    केआर रमेश कुमार
  • विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी : 6 बार विधायक रह चुके विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं. उन्होंने 1994, 1999, 2004, 2008, 2013, 2018 के चुनाव में जीत हासिल की. शिरसी विधानसभा क्षेत्र से वह 7वीं बार मैदान में हैं.
    विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी
  • एचडी रेवन्ना : एचडी रेवन्ना 1994 में पहली बार विधायक चुने गए थे. रेवन्ना 1999, 2004, 2008, 2013 और 2018 के चुनावों में विधायक चुने जा चुके हैं. उन्होंने लोक निर्माण और आवास सहित विभिन्न विभागों में मंत्री के रूप में काम किया है. वह होलेनरसीपुर से 7वीं बार भी मैदान में हैं.
    एचडी रेवन्ना
  • एमबी पाटिल : कांग्रेस कैंपेन कमेटी के अध्यक्ष रहे एमबी पाटिल 1991 में थिकोटा विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में पहली बार विधायक बने थे. 2004 में, वह तिकोटा से विधान सभा के लिए फिर से चुने गए. 2008 में, निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद वह बाबलेश्वर निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए. 2013 और 2018 में, वे फिर से विधायक बने. उनकी पहचान एक प्रभावशाली मंत्री और नेता के रूप में होती है. वह अबतक पांच बार विधायक रह चुके हैं.
    एमबी पाटिल
  • वी. सोमन्ना : लिंगायत समुदाय के प्रभावशाली राजनेता वी सोमन्ना राजनीतिक रूप से मजबूत नेता हैं. वह 5 बार विधायक और 2 बार विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं. 1994 में उन्होंने जनता दल से बिन्नीपेट में चुनाव लड़ा और जीते. 1999 में, उन्होंने उसी निर्वाचन क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत गए. 2004, 2008 में, उन्होंने गोविंदराजा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और जीता और विधायक बने. सोमन्ना 2010 में भाजपा में शामिल हो गये. 2010 से 2018 तक विधान परिषद के लिए चुने गए. उन्होंने बीजेपी से 2018 का चुनाव लड़ा और विधायक बने. अब उन्होंने छठी बार विधायक पद के लिए नामांकन दाखिल किया है. सोमन्ना इस बार वरुणा और चामराजनगर दोनों सीटों से चुनाव लड़ रहे हैं.
    वी. सोमन्ना
  • सुरेश कुमार : सुरेश कुमार भी अब तक पांच बार विधायक चुने जा चुके हैं. वह 1994, 1999, 2008, 2013, 2018 चुनाव जीतकर 5 बार विधायक बने. 2004 के चुनाव में एक बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. राजाजीनगर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सुरेश कुमार 7वीं बार मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
    सुरेश कुमार
  • जीएच तिप्पारेड्डी : चित्रदुर्ग विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले जीएच तिप्पारेड्डी 1994 में पहली बार चुनाव मैदान में उतरे थे. उनकी पहली जीत निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में थी. 2008 के चुनावों में, उन्होंने जद (एस) से चुनाव लड़ा और हार गए. इसके बाद 2010 में उन्होंने बीजेपी से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. 2013 में उन्होंने विधान परिषद की सीट से इस्तीफा देकर विधान सभा का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. वह 2013 और 2018 को मिलाकर 5 बार विधान सभा के लिए चुने गए हैं. वे 2 बार विधान परिषद के लिए चुने गए. अब वह 8वीं बार चुनावी मैदान में है.
    जीएच तिप्पारेड्डी

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