बेंगलुरु: इस बार के कर्नाटक विधानसभा चुनाव में महिला प्रचारकों के मैदान में उतरने से रौनक छा गई है. प्रदेश भर में पार्टियों के कद्दावर नेता अपने प्रत्याशियों के लिए प्रचार में जुटे हुए हैं. लेकिन कुछ ऐसे निर्वाचन क्षेत्र हैं, जहां प्रचार करने के लिए उनके पास समय नहीं है. तो क्या ऐसे क्षेत्रों में प्रचार अभियान बंद हो गया है? ऐसा बिल्कुल नहीं है. इन क्षेत्रों में प्रत्याशियों के अपने परिजन उनके लिए प्रचार की कमान संभाल रहे हैं. इनमें प्रत्याशियों की पत्नियां खासतौर पर सबसे आगे हैं और जनता के बीच वह अपने पतियों के लिए वोट की अपील कर रही हैं.
शिग्गांव विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतरे मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की पत्नी चेन्नम्मा ने उनके लिए प्रचार अभियान की कमाल संभाली है और क्षेत्र में जोर-शोर से प्रचार कर रही हैं. वहीं दूसरी ओर कनकपुरा निर्वाचन क्षेत्र के उम्मीदवार डीके शिवकुमार की पत्नी ऊषा भी प्रचार अभियान में शामिल हैं. डीके शिवकुमार कर्नाटक कांग्रेस पार्टी के नेता हैं और कनकपुरा की चट्टान के तौर पर जाने जाते हैं. पूर्व सीएम कुमारस्वामी की पत्नी अनीता भी चन्नपट्ना में उनके लिए जनता से वोट की अपील करती हुई दिख रही हैं. सीपी योगेश्वर की पत्नी शीला उनके निर्वाचन क्षेत्र में जनता के बीच जा रही हैं.
राज्य की चन्नपटना विधानसभा सीट में पूर्व सीएम एचडी कुमारस्वामी की तरफ से उनकी विधायक पत्नी अनीता कुमारस्वामी जोर-शोर से प्रचार कर रही हैं. इसके अलावा उनके बेटे निखिल ने रामनगर में अभियान की कमान संभाली है, जहां से वह चुनावी मैदान में उतरे हैं.
बीजेपी प्रत्याशी सीपी योगेश्वर की पत्नी शीला ने भी उनके लिए प्रचार अभियान शुरू कर दिया है. वह नामांकन पत्र जमा करने के साथ-साथ हर महत्वपूर्ण गतिविधि में अपने पति का साथ दे रही हैं. शीला ने पिछले विधानसभा चुनाव में भी सक्रिय रूप से प्रचार किया था.