नयी दिल्ली: कर्नाटक भाजपा के वरिष्ठ नेता के एस ईश्वरप्पा ने मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर 10 मई को होने वाले विधानसभा चुनाव को नहीं लड़ने की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि वह चुनावी राजनीति से संन्यास ले रहे हैं. कन्नड़ में लिखे गए अपने संक्षिप्त पत्र में, अनुभवी विधायक और पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उनका निर्णय उनकी मर्जी से लिया गया है. बता दें कि वह कई बार अपने बयानों और उन पर लगाए गए आरोपों के कारण विवादों में रहे हैं.
जानकारी के अनुसार ईश्वरप्पा जून में 75 साल के हो जाएंगे. ईश्वरप्पा और येदियुरप्पा समकालीन हैं. सूत्रों ने बताया कि पार्टी सोच रही है कि जब येदियुरप्पा को चुनावी राजनीति में बने रहने के अवसर से वंचित किया गया है, तो ईश्वरप्पा को भी मौका नहीं दिया जाएगा. ईश्वरप्पा टिकट के लिए अपने बेटे कंटेश की पैरवी शुरू कर चुके हैं. ईश्वरप्पा शिवमोग्गा शहर विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. उन्होंने राजनीतिक दिग्गज के.एच. श्रीनिवास को हराकर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की.
उन्होंने उपमुख्यमंत्री के रूप में भी काम किया. ठेकेदार और भाजपा नेता संतोष पाटिल की आत्महत्या के मामले के बाद ईश्वरप्पा को मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई के मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ा था. पाटिल ने अपने सुसाइड नोट में अपनी स्थिति के लिए ईश्वरप्पा को जिम्मेदार ठहराया था. हालांकि बाद की जांच में उन्हें क्लीन चिट मिल गई थी. क्लीन चिट के बावजूद ईश्वरप्पा कैबिनेट में वापस नहीं आ सके