शिकारीपुरा: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा फिर से अपनी पुरानी कार एंबेसडर की सवारी करते हुए नजर आए, जिसका नंबर सीकेआर 45 है. इसी कार के साथ उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. येदियुरप्पा को लगता है कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन के शुरुआती दिनों में जिस कार का इस्तेमाल किया, वह उनके लिए भाग्यशाली है. बीएस येदियुरप्पा अपनी इसी भाग्यशाली कार में अपने दूसरे बेटे और भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र का उत्साह बढ़ाने पहुंचे, जब उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया.
शिकारीपुरा विधानसभा सीट, कर्नाटक के राजनीतिक इतिहास में एक सदाबहार नाम है. यह सीट येदियुरप्पा का गृह निर्वाचन क्षेत्र है. येदियुरप्पा को उनके समर्थक कर्नाटक की राजनीति का राजाहुली बताते हैं. शिकारीपुरा विधानसभा सीट पर इस बार का चुनाव काफी रोमांचक होने वाला है. पार्टी के कार्यकर्ताओं की माने तो पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बिना इस चुनाव को जीत पाना मुश्किल हो सकता है. बीएस येदियुरप्पा, जिन्होंने चुनावी राजनीति से अपने रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है, उन्होंने अपने निर्वाचन क्षेत्र से अपने बेटे बीवाई विजयेंद्र को जीत की जिम्मेदारी सौंपी है. बीवाई विजयेंद्र अपने पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने के लिए शिकारीपुरा विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ रहे हैं.
नामांकन पर्चा भरने से पहले बीवाई विजयेंद्र के परिवार ने फार्म हाउस पर उनकी आरती उतारकर अभिनंदन किया. लोगों को उम्मीद थी कि पर्चा भरने के लिए विजयेंद्र महंगी कारों से जाएंगे, लेकिन उस वक्त सब हैरान रह गए, जब वह घर के बगल में खड़ी एक सफेद एंबेसडर में सवार हुए. बीएस येदियुरप्पा, सांसद बीवाई राघवेंद्र और उनकी पत्नी, 30 साल पुरानी एंबेसडर में सवार हुए और हुच्छराय स्वामी मंदिर के लिए रवाना हुए.