नई दिल्ली :दक्षिण भारत का 'गेटवे' माने जाने वाला कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनाव की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. यहां भाजपा की सत्ता कई बार कायम हो चुकी है और वर्तमान में भी बीजेपी की सरकार है लेकिन दोबारा वहां सत्ता हासिल करने में बीजेपी लगातार प्रयासरत है. इस बार चुनाव की रणनीति कुछ इस तरह बनाई गई है ताकि केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारों की योजनाओं का पूरा-पूरा लाभ उठाया जा सके.
भाजपा की नजर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किए गए विकास के कार्य और कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों पर है जिन्हें वह अपने वोट बैंक में हर हाल में बदलना चाहती है. इसके लिए पार्टी ने बड़े नेताओं के माध्यम से इन योजनाओं और इन लाभार्थियों को उनके जनसंपर्क और रैलियों के माध्यम से टारगेट करने का प्लान बनाया है.
इसके तहत सूत्रों की मानें तो पार्टी ने ऐसे कार्यक्रम तय किए हैं जिनमें प्रधानमंत्री और दूसरे वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किए गए कार्यों और उपलब्धियों के आंकड़े और लाभार्थियों की संख्या और उसे होने वाले लाभ के बारे में विस्तृत तौर पर अपने भाषण के माध्यम से जनता को बताएंगे. इसके अलावा पार्टी योगी आदित्यनाथ जैसे फायरब्रांड नेता और हिंदुत्व के सिंबॉलिक नेता माने जाने वाले अन्य नेता, मुस्लिम आरक्षण और तुष्टीकरण से संबंधित मुद्दों को जन-जन तक पहुंचाएंगे. यही नहीं पार्टी के स्टार प्रचारक सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में केंद्र सरकार द्वारा दी गई राहत और अन्य चीजों में कीमत में कमी को जोर शोर से अपने भाषणों में शामिल करेंगे.
सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सबसे ज्यादा आक्रामक रहेगी. भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के भ्रष्टाचार के मुद्दों और खास तौर पर राहुल गांधी और सोनिया गांधी के जमानत पर बाहर होने और भ्रष्टाचार के मामलों को जोर शोर से अपने रैलियों और भाषणों में उठाएंगे और कांग्रेस पर हमला बोलेंगे.