दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Karnataka Assembly Election : भाजपा की रणनीति, केंद्र-राज्य सरकार की उपलब्धियां बताने के साथ विपक्ष के भ्रष्टाचार पर साधेगी निशाना

10 मई को होने वाले कर्नाटक विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Election) के लिए भारतीय जनता पार्टी अपनी पूरी ताकत झोंक रही है, हालांकि टिकट के बंटवारे के बाद एक बार पार्टी के अंदर कुछ घमासान जरूर दिखा लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने उसे बखूबी संभाल लिया. अब बीजेपी नामांकन की प्रक्रिया खत्म होने के बाद कर्नाटक चुनाव के प्रचार की नई रणनीति तैयार कर मैदान में उतर रही है. क्या होगी यह नई रणनीति आइए जानते हैं ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना की इस रिपोर्ट में.

Karnataka Assembly Election
भाजपा की रणनीति

By

Published : Apr 18, 2023, 9:21 PM IST

नई दिल्ली :दक्षिण भारत का 'गेटवे' माने जाने वाला कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनाव की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है. यहां भाजपा की सत्ता कई बार कायम हो चुकी है और वर्तमान में भी बीजेपी की सरकार है लेकिन दोबारा वहां सत्ता हासिल करने में बीजेपी लगातार प्रयासरत है. इस बार चुनाव की रणनीति कुछ इस तरह बनाई गई है ताकि केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारों की योजनाओं का पूरा-पूरा लाभ उठाया जा सके.

भाजपा की नजर केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किए गए विकास के कार्य और कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों पर है जिन्हें वह अपने वोट बैंक में हर हाल में बदलना चाहती है. इसके लिए पार्टी ने बड़े नेताओं के माध्यम से इन योजनाओं और इन लाभार्थियों को उनके जनसंपर्क और रैलियों के माध्यम से टारगेट करने का प्लान बनाया है.

इसके तहत सूत्रों की मानें तो पार्टी ने ऐसे कार्यक्रम तय किए हैं जिनमें प्रधानमंत्री और दूसरे वरिष्ठ केंद्रीय मंत्री केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किए गए कार्यों और उपलब्धियों के आंकड़े और लाभार्थियों की संख्या और उसे होने वाले लाभ के बारे में विस्तृत तौर पर अपने भाषण के माध्यम से जनता को बताएंगे. इसके अलावा पार्टी योगी आदित्यनाथ जैसे फायरब्रांड नेता और हिंदुत्व के सिंबॉलिक नेता माने जाने वाले अन्य नेता, मुस्लिम आरक्षण और तुष्टीकरण से संबंधित मुद्दों को जन-जन तक पहुंचाएंगे. यही नहीं पार्टी के स्टार प्रचारक सीएनजी और पीएनजी की कीमतों में केंद्र सरकार द्वारा दी गई राहत और अन्य चीजों में कीमत में कमी को जोर शोर से अपने भाषणों में शामिल करेंगे.

सूत्रों की मानें तो भारतीय जनता पार्टी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर सबसे ज्यादा आक्रामक रहेगी. भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस के भ्रष्टाचार के मुद्दों और खास तौर पर राहुल गांधी और सोनिया गांधी के जमानत पर बाहर होने और भ्रष्टाचार के मामलों को जोर शोर से अपने रैलियों और भाषणों में उठाएंगे और कांग्रेस पर हमला बोलेंगे.

केंद्र और राज्य सरकार द्वारा किए गए विकास एवं उपलब्धियों के मुद्दे को आंकड़े के साथ उठाकर लाभार्थियों की संख्या और लोगों को होने वाले फायदे के बारे में बताएंगे.

कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी मात्र भाजपा को ही नहीं बल्कि जेडीएस को भी घेरेगी, क्योंकि गठबंधन में यह दोनों ही पार्टियां शामिल हैं. बीजेपी चुनाव प्रचार के दौरान जेडीएस और कांग्रेस के भ्रष्टाचार के मुद्दे के साथ-साथ परिवारवाद को भी मुद्दा बनाएगी. यही नहीं भारतीय जनता पार्टी राहुल गांधी के द्वारा मोदी सरनेम पर दिए गए ओबीसी समुदाय के खिलाफ बयान को भी इस चुनाव में जोर-शोर से उठाएगी. सूत्रों की मानें तो इस मुद्दे को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान की तरफ से उठाया जा सकता है.

कुल मिलाकर देखा जाए तो, कर्नाटक के बाद तेलंगाना में चुनाव है और पार्टी की नजर तमिलनाडु की कुछ लोकसभा सीटों पर भी है, यही वजह है कि इन राज्यों में प्रधानमंत्री खुद नजर बनाए हुए हैं. बीजेपी इन राज्यों में अपनी पैठ बनाने की पूरी कोशिश कर रही है. यही वजह है की कर्नाटक को पार्टी दक्षिण राज्यों के लिए गेटवे कंसीडर कर रही है.

इस नई रणनीति पर पार्टी के राज्य प्रभारी भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कई सभाएं कर्नाटक में निश्चित हैं. ऐसा नहीं कि प्रधानमंत्री सिर्फ चुनाव के समय ही आते रहे हैं, बल्कि प्रधानमंत्री लगातार कर्नाटक को सौगात देते रहे हैं. ऐसे में कर्नाटक की जनता का सीएम बोम्मई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा है और उन्हें उम्मीद है कि इस बार फिर वहां भाजपा की ही सत्ता कायम होगी.

पढ़ें- Karnataka Assembly Election : 92 साल की उम्र होने के बावजूद कांग्रेस ने जताया भरोसा, दिया टिकट, अब तक रहे अपराजित

ABOUT THE AUTHOR

...view details