हैदराबाद: दो साल की उम्र में अधिकांश बच्चे बड़बड़ाना शुरू करते हैं या कुछ शब्दों को एक साथ रखने की कोशिश करते हैं. माता-पिता अपने बच्चों को अपने पहले शब्द बोलते हुए देखकर खुश होते हैं. लेकिन एक बच्चे के लिए धाराप्रवाह संस्कृत छंदों का पाठ करना, एक भाषा से दूसरी भाषा में शब्दों का अनुवाद करना या स्वतंत्रता सेनानियों की पहचान करना असामान्य है.
मिलिए तेलंगाना के करीमनगर के इस अद्भुत बच्चे से जो यह सब करता है. इस बच्चे ने अपनी असाधारण प्रतिभा के बल पर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह बनाई. श्रीहन का जन्म 6 नवंबर 2019 को श्रावणी और सुमन कुमार के घर में हुआ था. उनके दादा एक सेवानिवृत्त तहसीलदार शंकरैया ने श्रीहान की प्रतिभा को देखा और उसे प्रोत्साहित किया.
उनके माता-पिता ने चीजों को सरल शब्दों में समझाना सुनिश्चित किया. श्रीहन अपने माता-पिता द्वारा सिखाई गई हर बात को याद रखता है और उसे सही ढंग से पेश भी करता है. वर्णमाला सीखने से पहले ही श्रीहन ने इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह बना ली है. उसने 2 साल 5 महीने की उम्र में यह कारनामा कर दिखाया.