दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

कारगिल हिल काउंसिल, लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश के लिए चाहती है राज्य का दर्जा

लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी), कारगिल को एक राज्य का दर्जा दिलाना चाहती है, जिसके लिए एलएएचडीसी ने लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीटों की मांग की है.

Ladakh Union Territory
लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश

By

Published : Nov 27, 2022, 6:49 PM IST

श्रीनगर:लद्दाख स्वायत्त पर्वतीय विकास परिषद (एलएएचडीसी), कारगिल ने राज्य का दर्जा देने, छठी अनुसूची के विस्तार और लेह और कारगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीटों की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया है. 10 नवंबर को, भाजपा के नेतृत्व वाले लेह एलएएचडीसी ने भी संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था.

एलएएचडीसी, कारगिल के एक कार्यकारी पार्षद पंचोक ताशी ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि विशेष दर्जे को खत्म किए जाने के बाद से लद्दाख के लोगों में जनता के प्रतिनिधित्व को लेकर नाराजगी बढ़ रही है. इस प्रस्ताव में कहा गया है कि इसने भूमि, नौकरियों, संस्कृति और पारिस्थितिकी की सुरक्षा के संबंध में जनता के बीच आशंकाओं को और बढ़ा दिया है. इसमें कहा गया कि लद्दाख को उसके सामरिक महत्व और क्षेत्र के अद्वितीय भूगोल व संस्कृति को देखते हुए पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाना चाहिए.

2019 में जम्मू-कश्मीर के पूर्ववर्ती राज्य के पुनर्गठन के साथ, लद्दाख में संसद में केवल एक जनप्रतिनिधि है. प्रस्ताव में गया गया कि 'सांसद चुनाव कारगिल के लोगों को लेह के लोगों के खिलाफ खड़ा करते हैं, क्योंकि केवल एक सीट है. इस रणनीतिक स्थान की स्थानीय आबादी के बीच दरार भी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हानिकारक साबित हो सकती है. ऐसे संवेदनशील क्षेत्र में सांप्रदायिक सद्भाव सर्वोपरि हो जाता है जहां भारत दो युद्धरत और जुझारू पड़ोसियों का सामना करता है.'

अनुच्छेद 370 और 35-ए के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अब-रद्द किए गए विशेष प्रावधानों का उल्लेख करते हुए प्रस्ताव में कहा गया कि 'भूमि, संस्कृति, नौकरियों और पारिस्थितिकी के संबंध में प्रदान की गई सुरक्षा अब नहीं रही. इसलिए, लद्दाख के सभी स्तरों में सर्वसम्मति से सहमति व्यक्त की गई है कि संविधान की केवल छठी अनुसूची ही उचित सुरक्षा सुनिश्चित कर सकती है.' पंचोक ताशी ने प्रस्ताव के पारित होने को एक ऐतिहासिक दिन करार दिया. उन्होंने कहा, 'एलएएचडीसी के अधिकांश पार्षदों ने प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया.'

पढ़ें:Hybrid terrorism in JK : कश्मीर में हाइब्रिड आतंकवाद बड़ी चुनौती

लद्दाख को धारा 370 के निरस्त होने के बाद तत्कालीन जम्मू और कश्मीर से अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था. इस क्षेत्र के लोग अलग राज्य के लिए विरोध कर रहे हैं. कारगिल और लेह के नेताओं के पास पूर्व में एक सर्वोच्च निकाय है और उन्होंने भाजपा सरकार से राज्य का दर्जा मांगा है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details