नई दिल्ली: महाराजा हरि सिंह के बेटे और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह ने कहा कि मैंने 1967 में कांग्रेस जॉइन की थी, लेकिन आज पार्टी से मेरे रिश्ते न के बराबर हैं. कर्ण सिंह ने कहा कि मैंने 1967 में कांग्रेस जॉइन की थी. लेकिन 8 से 10 सालों से मैं संसद का सदस्य नहीं हूं. वर्किंग कमिटी से भी मुझे बाहर कर दिया गया. हां, मैं कांग्रेस में हूं, लेकिन मेरा कोई संपर्क नहीं है. कोई मुझसे किसी भी चीज के लिए बात नहीं करता. मैं अपना काम करता हूं. मेरे पार्टी से रिश्ते न के समान हैं.
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कर्ण सिंह के इस बयान को उनकी ओर से कांग्रेस छोड़ने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है. जम्मू-कश्मीर रियासत के आखिरी महाराजा हरि सिंह के बेटे कर्ण सिंह 1967 से 1973 तक केंद्र सरकार में मंत्री थे. हालांकि बीते कई सालों से वह उपेक्षित चल रहे हैं. गुलाम नबी आजाद की तरह ही कर्ण सिंह से भी पीएम नरेंद्र मोदी के अच्छे रिश्ते हैं. हाल ही में उन्होंने एक पुस्तक लिखी थी, जिसका विमोचन खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था और कर्ण सिंह की इस मौके पर जमकर तारीफ की थी. कर्ण सिंह ने भले ही अपने अगले प्लान के बारे में कुछ नहीं बताया है, लेकिन पार्टी छोड़ने के कयास लगने लगे हैं.