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Kanpur Zoo Hippopotamus : चिड़ियाघर से 37 साल बाद बच्चे 'इंद्रा' व 'ब्रह्मा' को छोड़कर लखनऊ जाएगी 'डॉली' - कानपुर जू दरियाई घोड़ा

कानपुर जू ( Kanpur Zoo Hippopotamus) में हिप्पो (दरियाई घोड़ा) की अलग ही जुगलबंदी रही है. कई सालों बाद मादा हिप्पो अपने बच्चों को छोड़कर लखनऊ चिड़ियाघर जाएगी.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Sep 25, 2023, 7:17 PM IST

मादा हिप्पो 'डॉली' का नया ठिकाना होगा लखनऊ जू.

कानपुर :कानपुर जू में सन 1986 में जन्मी मादा हिप्पो 'डॉली' अब कानपुर जू से लखनऊ चिड़ियाघर जाएगी. 'डॉली' ने चिड़ियाघर में ही अपने बच्चों 'इंद्रा' व 'ब्रह्मा' को जन्म दिया था. वह कई सालों से बच्चों के साथ ही रह रही थी. अब 37 साल बाद वह अपने बच्चों से जुदा हो जाएगी. 'डॉली' के जाने के बाद कई नए मेहमान कानपूर जू में आएंगे. इंसानों के लिए अपने बच्चों से बिछड़ना बेहद मुश्किल होता है, जानवरों की भी मनोदशा ऐसी ही होती है. ऐसे में 'डॉली' के लिए अपनों से दूर जाना उसे काफी परेशान कर सकता है. वन्य जीवों की अदला-बदली नियम के चलते जू के प्रशासनिक अफसरों को ये फैसला लेना पड़ा है. वे भारी मन से जल्द ही 'डॉली' को विदा करेंगे.

कानपुर जू में नए मेहमानों का आगमन होगा.
डॉली को लखनऊ चिड़ियाघर में भेजा जाएगा.

कानपुर जू में ही हुआ 'डॉली' का जन्म :सन 1986 में कानपुर जू में ही मादा हिप्पो 'डॉली' का जन्म हुआ. वह चिड़ियाघर के वातावरण से काफी घुली-मिली थी. यहां का वातावरण उसे काफी रास भी आ रहा था. उसने कानपूर जू में ही अपने दो बच्चों इंद्रा' व 'ब्रह्मा' को जन्म दिया. वह अपने परिवार के साथ रहती आई है. उसका परिवार चिड़ियाघर में आने वालों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है. अभी तक एक ही परिवार के ये तीनो हिप्पो कानपुर जू का हिस्सा थे, लेकिन वन्य जीवों की अदला-बदली नियमों के चलते अबउन्हें बिछड़ना पड़ेगा.

लखनऊ चिड़ियाघर से नए जानवर कानपुर जू में आएंगे.

'डॉली' को भेजने की तैयारियां पूरी :अब डॉली (मादा हिप्पो) लखनऊ जू में दर्शकों के आकर्षण का केंद्र बनेगी. वहीं, लखनऊ जू से पांच पैलीकन, तीन रेड जंगल फाऊल व दो मकाऊ पक्षी कानपुर जू की शोभा बढ़ाएंगे. इस पूरे मामले पर जू के प्रशासनिक अफसर नावेद इकराम ने बताया, कि 'डॉली' को भेजने की तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं. बाड़े में पिंजरा भी लगा दिया गया है. एक माह के अंदर इसे लखनऊ जू में भिजवा दिया जाएगा. लखनऊ जू से नए पक्षियों को कानपुर लाया जाएगा. जू के अफसर व चिकित्सकों को किसी भी वन्यजीव के जाने से दुख होता है, लेकिन नियमों के चलते ऐसे सख्त फैसले लेने ही पड़ते हैं.

कई सालों से चिड़ियाघर में रह रही है डॉली.

कानपुर जू में कुल छह हिप्पो :मौजूदा समय में कानपुर जू के अंदर वन्यजीवों की कुल संख्या 1000 से अधिक है. वहीं हिप्पो कुल छह हैं. इनमें 'डॉली' के बेटे ब्रह्मा व इंद्रा तो शामिल हैं ही, उनके साथ एक मादा हिप्पो शीतल व दो नर हिप्पो- गणेश व बिस्वा भी शामिल हैं. यह भी रोचक तथ्य है, कि सभी हिप्पो कानपुर जू में ही जन्मे हैं.

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