कानपुर :योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को दोबारा बतौर मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके साथ ही प्रदेश हत्यारों और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों पर एक बार फिर बाबा की 'ठोंको नीति' तेजी से लागू होने वाली है. कार्रवाइयों का दौर शुरू होने वाला है. बुलडोजर तो चलना भी शुरू हो गया है. वहीं अब 'बुलेट' भी चलने की तैयारी में है. इसी क्रम में कानपुर में यूपी एसटीएफ की टीम एक बार फिर घेराबंदी करने लगी है. विकास दुबे एनकाउंटर के बाद अब एक बार फिर 'टायसन गैंग' के सफाए की तैयारी है.
सूत्रों की मानें तो एसटीएफ ने इस गैंग का रिकार्ड खंगालना शुरू कर दिया है और गैंग के सदस्यों की गतिविधि पर नजर भी रखी जा रही है. गौरतलब है कि जरायम की दुनिया में करीब 22 साल पहले जिस टायसन ने कदम रखा था, अब अपराध की दुनिया में उसका सिक्का चल रहा है. शहर से डी-2 गैंग व आइएस-273 गैंग के निष्क्रिय होने के बाद अब सारी आपराधिक गतिविधियों का संचालन टायसन गैंग ही कर रहा है. हालांकि इस गैंग के सफाये को लेकर अब स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने सभी सदस्यों के आपराधिक इतिहास और इनकी कुंडली तैयार करनी शुरू कर दी है. एसटीएफ के आला अधिकारियों का कहना है कि अप्रैल के पहले हफ्ते में इस गैंग के कई सदस्यों पर 'कड़ी कार्रवाई' की जानी है.
कुलीबाजार के पास ठिकाना, रंगदारी से लेकर हत्या तक में शामिल रहा है नाम:एसटीएफ के वरिष्ठ अफसरों की जुबां पर जिस टायसन का नाम जोरों पर हैं, अफसरों के मुताबिक शहर में उसका ठिकाना कुली बाजार के आसपास है. शहर के तमाम अपराधियों का यह क्षेत्र गढ़ रहा है. वहीं, आला अफसरों ने यह भी बताया कि टायसन को अभी कुछ दिनों पहले एक सपा नेता की हत्या के मामले में गैंगस्टर कोर्ट से जमानत मिली है. बताते हैं कि वह और उसके गैंग के अन्य सदस्य रंगदारी, लूट से लेकर हत्या के तमाम मामलों में संलिप्त रहे हैं.