दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

Kanpur Dehat : पुलिस कस्टडी में हुई बलवंत सिंह की मौत मामले में 8 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल - बलवंत सिंह मौत मामले में आरोप पत्र दाखिल

कानपुर देहात में रनिया थाने में संदिग्ध हालात में बलवंत सिंह की मौत मामले में जेल में बंद 8 आरोपियों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं.

Kanpur Dehat
Kanpur Dehat

By

Published : Mar 15, 2023, 6:38 AM IST

कानपुर देहात: रनिया थाने में व्यापारी बलवंत सिंह की पुलिस द्वारा निर्ममतापूर्वक पिटाई के मामले में जेल में बंद 8 आरोपियों के खिलाफ मंगलवार को सीजेएम कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किए गए. मामले में वादी पक्ष से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता जितेन्द्र प्रताप सिंह चौहान ने बताया कि जिन लोगों को मामले में आरोपी बनाते हुए प्रथम सूचना रिपोर्ट रनिया थाने में दर्ज कराई थी, उसमें तत्कालीन रनिया थाना प्रभारी शिव प्रकाश सिंह कॉन्स्टेबल महेश गुप्ता और जिला अस्पताल के तत्कालीन ड्यूटी डॉक्टर को भी आरोपी बनाया गया था.

विवेचना में उनकी नामजदगी गलत बताते हुए उनका नाम घटना कारित करने वालों में से हटा दिया गया और तत्कालीन शिवली थाना प्रभारी राजेश सिंह, तत्कालीन मैथा चौकी प्रभारी ज्ञान प्रकाश पाण्डे, तत्कालीन एसओजी प्रभारी प्रशांत कुमार गौतम, मुख्य आरक्षी दुर्गेश कुमार, मुख्य आरक्षी सोनू यादव, मुख्य आरक्षी अनूप कुमार, आरक्षी प्रशान्त कुमार पाण्डे और मुख्य आरक्षी विनोद कुमार के विरुद्ध आरोप पत्र प्रेषित किया गया है.

बता दें कि पूरा मामला जनपद के रनिया थाना क्षेत्र का है. 12 दिसंबर को जनपद में रनिया थाने में संदिग्ध हालात में बलवंत की मौत हो गई थी. इसके बाद बलवंत के परिजनों ने पुलिस पर बर्बरता से पीटने का आरोप लगाया था. वहीं, बलवंत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पूरे शरीर में 31 गंभीर चोटों के निशान मिले थे. जबकि, कुल चोटों की संख्या 40 से भी ज्यादा थी. बाकी आठ से दस छोटी-छोटी चोटें थीं, जिन्हें पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे मेंशन नहीं किया गया था.

हालांकि, उसमें मौत की वजह की पुष्टि नहीं हुई है. उसके बिसरा को सुरक्षित रखा गया था. बलवंत सिंह के चाचा अंगत सिंह का कहना था कि उन्हें पुलिस विभाग की तरफ से पोस्टमार्टम रिपोर्ट उपलब्ध नहीं कराई थी. पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बारे में बयान नहीं दे रही है. एडीजी भानु भाष्कर का कहना था कि एसआईटी इस केस में साक्ष्य एकत्रित कर रही है. साक्ष्यों के आधार पर आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.

पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता जितेन्द्र चौहान ने बताया कि घटना में हत्या की धारा 302 के स्थान पर गैर इरादतन हत्या की धारा 304 भारतीय दंड विधान में केस को तरमीम कर लगभग 300 पन्नों से अधिक का आरोप पत्र प्रेषित किया गया है. इसमें वादी सहित अभियोजन के कुल 36 गवाह बनाए गए हैं. इस संबंध में आगे की विधिक कार्यवाही के संबंध में पूछने पर अधिवक्ता जितेन्द्र चौहान ने बताया कि पत्रावली का विधिवत मुआयना कराने के बाद वादी अंगद सिंह ने आगे की विधिक लड़ाई लड़ने की बात कही है.

यह भी पढ़ें:High Court News:अतीक अहमद के करीबी फहद की जमानत खारिज

ABOUT THE AUTHOR

...view details