हुबली/बेंगलुरु : मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Basavaraj Bommai ) ने गुरुवार को कहा कि कर्नाटक सरकार न केवल प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में बल्कि डिग्री स्तर की कक्षाओं में भी कन्नड़ को अनिवार्य बनाने के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेगी. उन्होंने 'कन्नडक्कगी नावू' (हम कन्नड़ के लिए) नामक एक राज्यव्यापी अभियान के दौरान कहा कि मेरे मुख्यमंत्री बनने के बाद हमारी सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पेश की जो मातृभाषा को प्रमुखता देती है.
वहीं सूत्रों ने कहा कि कन्नड़ और संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित अभियान के तहत राज्य के कई हिस्सों में लाखों लोगों ने सुबह 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक कन्नड़ समर्थक गीत गाए. साथ ही 'मटाडी माताडी कन्नड़' (कन्नड़ बोलें) नारे के साथ कहा कि 1 नवंबर को 'कन्नड़ राज्योत्सव' के लिए तैयार हैं.
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मुख्यमंत्री ने कहा, 'हम न केवल प्राथमिक या माध्यमिक शिक्षा में बल्कि डिग्री स्तर पर भी कन्नड़ को अनिवार्य बनाने वाला अध्यादेश लाए थे. मामला फिलहाल उच्च न्यायालय में है. हम इसके लिए अपना संघर्ष जारी रखेंगे.' बोम्मई ने सभा में कहा कि सरकार कन्नड़ भाषा में पूरा इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम उपलब्ध करा रही है. उन्होंने कहा, कन्नड़ में डिग्री कोर्स कराने के लिए कम से कम 15 कॉलेज आगे आए हैं. वे कन्नड़ में पढ़ा रहे हैं और कन्नड़ में डिग्री दे रहे हैं, यह ऐतिहासिक है.
सीएम ने कहा कि कोई भी भाषा व्यापक रूप से इस्तेमाल होने पर बढ़ती है, उनकी सरकार इन उपायों के साथ कन्नड़ के प्रचार के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि कर रही है. इस दौरान छात्रों के अलावा कई लोग पारंपरिक पोशाक और पीले-लाल कन्नड़ स्कार्फ पहने थे. बेंगलुरु में मुख्य समारोह विधान सौध की सीढ़ियों पर हुआ, जहां कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने अभियान का नेतृत्व किया. समारोह में कन्नड़ और संस्कृति मंत्री वी सुनील कुमार ने भी भाग लिया.
(पीटीआई)