मुंबई: आजादी को लेकर कंगना के बयान पर बवाल थमता नहीं दिख रहा है. शिवसेना ने शनिवार को मांग की है कि '1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी' की टिप्पणी करने पर अभिनेत्री कंगना रनौत से सभी राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान वापस लिये जाएं. शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में लिखे संपादकीय में कहा गया है कि कंगना ने जो कहा है वो 'देशद्रोह' है.
दरअसल एक न्यूज़ चैनल के कार्यक्रम में कंगना रनौत ने ये बयान दिया था जिसके बाद सोशल मीडिया पर वायरल हुई 24 सेकेंड की एक क्लिप में रनौत को कहते सुना जा सकता है कि, '1947 में आजादी नहीं, बल्कि भीख मिली थी और जो आजादी मिली है वह 2014 में मिली है.' इस बयान के बाद कंगना को लेकर सोशल मीडिया पर मीम की बाढ़ आ गई थी, कई लोग उन्हें पद्मश्री देने पर भी सवाल उठा रहे हैं. कांग्रेस से लेकर शिवसेना समेत कई दलों के नेता भी बीजेपी सरकार पर हमलावर हैं.
महाराष्ट्र में 'महा विकास आघाड़ी' सरकार का नेतृत्व कर रही शिवसेना ने कहा, 'मोदी सरकार को कंगना से सभी राष्ट्रीय पुरस्कार वापस लेने चाहिए.' भाजपा पर प्रहार करते हुए उसकी पूर्व सहयोगी पार्टी ने आरोप लगाया कि कंगना की टिप्पणी से भाजपा का 'नकली राष्ट्रवाद' बिखर गया है.