दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

तमिलनाडु विधानसभा चुनाव : किसने कमल हासन को बताया 'सुपर नोटा' - tamil nadu assembly election 2021

तमिलनाडु में छह अप्रैल को विधानसभा चुनाव है. अभिनेता कमल हासन की पार्टी भी इस बार मैदान में है. उनकी पार्टी पर कांग्रेस और डीएमके दोनों ने हमला बोला है. उन्हें सुपर नोटा तक बता दिया. कांग्रेस नेता ने कहा कि कमल हासन को एक भी सीट हासिल नहीं होगी. कांग्रेस के इस नेता का नाम जानने के लिए पढ़ें पूरी स्टोरी.

Etv Bharat
चुनाव प्रचार के दौरान अभिनेता कमल हासन

By

Published : Apr 2, 2021, 4:26 PM IST

नई दिल्ली : कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने अभिनेता कमल हासन को 'सुपर नोटा' करार दिया है. उन्होंने कहा कि हासन की पार्टी मक्कल नीधि मय्यम को तमिलनाडु में एक भी सीट हासिल नहीं होगी. कार्ति पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे हैं.

तमिलनाडु के शिवगंगा से लोकसभा सदस्य कार्ति ने अन्नाद्रमुक-भाजपा गठबंधन पर भी निशाना साधा और कहा कि यहां के लोग ऐसी कोई सरकार नहीं चाहते हैं, जिस पर भाजपा की किसी तरह की छाया हो. कार्ति ने कहा कि तमिलनाडु की जनता भाजपा के हिंदी-हिंदुत्व एजेंडे को पसंद नहीं करती है.

एक न्यूज एजेंसी को दिए गए साक्षात्कार में दावा किया कि डीएमके और कांग्रेस का गठबंधन 200 से अधिक सीटें जीतेगा. राज्य में विधानसभा की कुल 234 सीटें हैं. तमिलनाडु में सभी सीटों पर छह अप्रैल को मतदान होना है.

कार्ति ने कहा, 'लोग ऐसी सरकार नहीं चाहते, जो तमिल भावनाओं, तमिल भाषा और तमिल इतिहास का सम्मान नहीं करती है. वे ऐसी सरकार भी नहीं चाहते जिस पर किसी तरह से भाजपा की छाया हो.

उन्होंने दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अन्य वरिष्ठ नेताओं के आक्रामक चुनाव प्रचार के बावजूद केंद्र की सत्तारूढ़ पार्टी का तमिलनाडु में खाता नहीं खुलेगा.

कमल हासन की पार्टी के असर के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस सांसद ने कहा, हासन सिर्फ 'सुपर-नोटा' हैं. वह एक भी सीट नहीं जीतेंगे और उनकी सतत चलने वाली पार्टी नहीं है. चुनाव के समय वे जमा होते हैं और चुनाव के बाद गायब हो जाते हैं.

ये भी पढ़ें :क्या कमल हासन की राजनीतिक समझ सीमित है ?

'नोटा' ईवीम पर 'नन ऑफ द एवव' (इनमें से कोई नहीं) का एक विकल्प होता है. अगर कोई मतदाता चुनाव में खड़े उम्मीदवारों में से किसी को मत नहीं देना चाहता है, तो वह नोटा का उपयोग कर सकता है. यह व्यवस्था 2013 में उच्चतम न्यायालय के एक आदेश के बाद लागू हुई थी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details