नासिक :चॉलों में भारी मात्रा में प्याज भरे पड़े हैं. इस वजह से ये प्याज बहुत तेजी से खराब हो रहे हैं. प्याजों के सड़ने से किसानों को बहुत ज्यादा नुकसान हो रहा है. इन नुकसानों को रोकने के लिए नासिक की कल्याणी शिंदे आगे आई हैं. उन्होंने एक आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया है. कल्याणी शिंदे ने इस तकनीक को गोदाम इनोवेशन नाम दिया है. इससे चॉलों में खराब प्याज से किसानों को बचाया जाएगा. यदि किसानों ने इस तकनीक का उपयोग किया तो उनको कम नुकसान होगा.
40 फीसदी प्याज नासिक में
नासिक को एशिया का सबसे बड़ा प्याज बाजार कहा जाता है. भारत में लगभग 40 फीसदी प्याज का उत्पादन अकेले नासिक जिले से होता है. यहां से लाखों प्याज का निर्यात देश सहित अंतरराष्ट्रीय बाजार में किया जाता है. अगर बाजार में कोई कीमत नहीं है, तो किसान एक झोपड़ी में प्याज को स्टोर करता है. जलवायु परिवर्तन ने 40 प्रतिशत प्याज को खराब कर दिया.
पेशे से इंजीनियर कल्याणी ने निकाला नया रास्ता
प्याज के नुकसान होने से किसानों को आर्थिक नुकसान होता है. इसे ध्यान में रखते हुए एक किसान परिवार से कल्याणी शिंदे ने आधुनिक तकनीक का उपयोग करके 'गोदाम इनोवेशन' नामक एक तकनीक विकसित की है. कल्याणी शिंदे नासिक जिले के लासलगांव में एक किसान परिवार की लड़की है. कल्याणी के पास कंप्यूटर इंजीनियरिंग की डिग्री है. इंजीनियरिंग के अपने अंतिम वर्ष में उन्हें टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज के इन्क्यूबेशन सेंटर 'डिजिटल इम्पैक्ट स्क्वायर' के लिए नासिक में चुना गया था. यह उस समय उसने 'प्याज' के विषय पर अपना ध्यान केंद्रित किया. अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्याज की भारी मांग के बावजूद किसानों को नुकसान क्यों हुआ? उसने इस पर शोध शुरू किया.