रायपुर/ बिलासपुर: रायपुर धर्म संसद में महात्मा गांधी के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने के मामले में स्थानीय अदालत ने संत कालीचरण महाराज को फिर से 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल (Sant Kalicharan sent to jail) भेज दिया है. कालीचरण अब 25 जनवरी तक जेल में रहेंगे. रायपुर की अदालत में गुरुवार को कोविड प्रोटोकॉल के चलते केवल वकीलों की उपस्तिथि में सुनवाई हुई.
वहीं, रायपुर कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर संत कालीचरण छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की शरण में गए हैं. कालीचरण की जमानत के लिए वकील मेहल जेठानी के माध्यम से याचिका लगाई गई है. याचिका में कहा गया है कि कालीचरण ने राज्य के खिलाफ बोला है. जबकि कालीचरण के खिलाफ याचिका राज्य ने नहीं बल्कि अन्य नागरिक ने लगाई है. दर्ज रिपोर्ट में राज्य की परमिशन की जरूरत होती है. लेकिन राज्य ने अभी तक नहीं दिया है.
याचिका में यह भी कहा गया है कि कालीचरण को मध्य प्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार किया गया था. वहां लोकल पुलिस के साथ कोर्ट को भी अवगत नहीं कराया गया था. पुलिस ने रिमांड क्यों लिया है. जबकि कालीचरण का वीडियो पहले ही वायरल हो गया था. पूछताछ के लिए कुछ भी नहीं बचा है. हाई कोर्ट में जल्द इस याचिका पर सुनवाई हो सकती है.
रायपुर कोर्ट में हुई सुनवाई
महात्मा गांधी पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में जेल में बंद कालीचरण की सुनवाई गुरुवार को रायपुर कोर्ट में हुई. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट भूपेंद्र वासनीकर की कोर्ट ने कालीचरण को अतिरिक्त 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिए. कालीचरण अब 25 जनवरी तक जेल में रहेंगे. कोरोना के बढ़ते संक्रमितों की वजह से कालीचरण को कोर्ट में पेश नहीं किया गया. केवल उनके वकीलों की उपस्थिति में सुनवाई हुई.
धर्म संसद में दिया था विवादित बयान
रायपुर में 25 और 26 दिसंबर को धर्म संसद का आयोजन किया गया था. इस धर्म संसद में कई साधु संत शामिल हुए थे. इस आयोजन में 26 दिसंबर को महाराष्ट्र के अकोला निवासी कालीचरण महाराज ने भरे मंच से महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्द का प्रयोग किया था. साथ ही उन्होंने राष्ट्रपिता की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे का भरे मंच से महिमामंडन किया.
30 दिसंबर को हुई गिरफ्तारी
छत्तीसगढ़ पुलिस ने 30 दिसंबर 2021 संत कालीचरण को मध्य प्रदेश के खजुराहो से गिरफ्तार किया था. उसके बाद इस मामले में एमपी और छत्तीसगढ़ सरकार में सियासी बयानबाजी का दौर चला. एमपी के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने छत्तीसगढ़ पुलिस की कार्रवाई पर एतराज जताया. सीएम भूपेश बघेल ने इस कार्रवाई को जायज ठहराया. फिर कालीचरण को रायपुर पुलिस रायपुर लेकर आई और उसी दिन उसे कोर्ट में पेश किया गया. जहां से कालीचरण को पुलिस रिमांड और फिर बाद में न्यायिक रिमांड पर भेजा गया.
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