चेन्नई : कलाक्षेत्र फाउंडेशन ने मंगलवार को कहा कि उसने नृत्य के एक सहायक प्रोफेसर और तीन कलाकारों के खिलाफ छात्राओं द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए मंगलवार को एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के नेतृत्व में एक जांच समिति गठित की. शिक्षक को निलंबित कर दिया गया है और कलाकारों को जांच लंबित रहने तक सेवा से ‘‘मुक्त’’ कर दिया गया है. फाउंडेशन ने कहा कि जांच समिति का नेतृत्व पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश के. कन्नन कर रहे हैं और इसमें तमिलनाडु की पूर्व डीजीपी लतिका सरन और डॉ. शोभा वर्धमान (एक चिकित्सक, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय एनजीओ के साथ काम किया है) भी शामिल हैं. प्रतिष्ठित संस्थान के बोर्ड ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘‘सहायक प्रोफेसर हरि पद्मन को तत्काल प्रभाव से जांच लंबित रहने तक निलंबित कर दिया गया है. कलाकारों संजीत लाल, साई कृष्णन और श्रीनाथ को जांच लंबित रहने तक तत्काल प्रभाव से सेवा से मुक्त कर दिया गया है.’’
बता दें कि पुलिस ने कलाक्षेत्र फाउंडेशन के रुक्मिणी देवी कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स में नृत्य के सहायक प्रोफेसर के रूप में काम करने वाले हरि पद्मन को 3 अप्रैल को गिरफ्तार किया था. ये कदम कॉलेज की कुछ छात्राओं द्वारा हरि पद्मन और तीन कलाकारों संजीत लाल, साई कृष्णन और श्रीनाथ पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने और पिछले कुछ दिनों में प्रबंधन की निष्क्रियता के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के बाद उठाया गया है. विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि कलाक्षेत्र फाउंडेशन के प्रशासन को मजबूत करने के लिए एक नए छात्र काउंसलर और एक स्वतंत्र सलाहकार समिति की तुरंत नियुक्ति की जाएगी. फाउंडेशन की बोर्ड बैठक में यह निर्णय लिया गया. बोर्ड ने छात्रों से पुनर्निर्धारित परीक्षाओं में भाग लेने की अपील की और कहा, ‘‘कलाक्षेत्र फाउंडेशन अपने छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और सभी के लिए एक सुरक्षित और समावेशी वातावरण प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है.’’
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