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कलानिधि मारन ने स्पाइसजेट का सेटलमेंट ऑफर ठुकराया, सुप्रीम कोर्ट दो मार्च को सुनवाई करेगा

शेयर ट्रांसफर को लेकर स्पाइसजेट (Spicejet) के 600 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को स्पाइसजेट के पूर्व प्रमोटर कलानिधि मारन (Kalanithi Maran) ने अस्वीकार कर दिया है. अब इस मामले पर 2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (CJI NV RAMANA) करेंगे.

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Published : Feb 14, 2022, 6:21 PM IST

Spicejet
स्पाइसजेट (फाइल फोटो)

नई दिल्ली :स्पाइसजेट के पूर्व प्रमोटर कलानिधि मारन (Kalanithi Maran) ने स्पाइसजेट (Spicejet) का 600 करोड़ रुपये का सेटलमेंट ऑफर ठुकरा दिया है.उनके और स्पाइसजेट के बीच शेयर ट्रांसफर से जुड़ा विवाद काफी समय से चल रहा है. मामले के निपटारे के लिए स्पाइसजेट ने 600 करोड़ रुपये देने की पेशकश की थी. लेकिन मारन के अधिवक्ता ने दलील दी कि मामले में बकाया रकम 920 करोड़ रुपये थी, जो ऑफर की गई 600 करोड़ रुपये की रकम से काफी अधिक है. मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना (CJI NV RAMANA) 2 मार्च को सुनवाई करेंगे.

मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने 10 फरवरी को मारन की अगुवाई वाले काल एयरवेज (kal airways) को स्पाइसजेट के साथ विवाद निपटाने को कहा था. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान स्पाइसजेट ने 600 रुपये का सेटलमेंट ऑफर दिया था. स्पाइसजेट ने कहा था, 'आर्बिट्रेशन में तय 578 करोड़ रुपये के कुल पिंसिपल अमाउंट में से स्पाइसजेट ने पहले ही 308 करोड़ रुपये का पेमेंट कर दिया है और 270 करोड़ रुपये की बैंक गारंटी डिपॉजिट कर चुका है.' दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बद सुप्रीम कोर्ट ने मारन को स्पाइसजेट के 600 करोड़ रुपये के ऑफर पर विचार करने को कहा था.

बता दें कि स्पाइसजेट 2014-15 के दौरान करीब दिवालिया हो गई थी. उसके पास कंपनी चलाने के लिए पैसे नहीं थे. फिर फरवरी 2015 में कलानिधि मारन ने स्पाइसजेट में अपनी हिस्सेदारी (Shareholding) अजय सिंह को ट्रांसफर कर दी थी. अजय सिंह ने कंपनी की 1,500 करोड़ रुपये की दायित्व अपने ऊपर ले लि था. इसके लिए उन्होंने एयरलाइन को 2 रुपये का पेमेंट किया था.

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तब समझौते के तहत मारन और काल एयरवेज ने वारंट और प्रिफरेंश शेयर जारी करने के एवज में स्पाइसजेट को 679 करोड़ रुपये का पेमेंट किया था. लेकिन 2017 में मारन ने उन्हें कनवर्टिबल वारंट और प्रिफरेंश शेयर जारी नहीं करने की शिकायत की. उन्होंने कहा कि एयरलाइन ने उन्हें पैसे भी नहीं चुकाए. उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया. तब दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पाइसजेट को इस मामले में चुकाए जाने वाले 579 करोड़ रुपये पर 243 करोड़ रुपये बतौर इंट्रेस्ट देने को कहा. लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी. फिर मारन और काल एयरवेज ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर रोक हटाने की मांग की.

(PTI)

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