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किसान महापंचायत में राकेश टिकैत बोले- कैराना में सरकारी 'प्लान' के तहत हो रहा 'पलायन'

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Published : Dec 12, 2021, 5:39 PM IST

यूपी के कैराना में किसान महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली बार्डर पर हुए आंदोलन में देश के करीब 25 लाख किसानों की ट्रेनिंग हुई है, जो भविष्य के आंदोलनों को मजबूती देगी. कैराना पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यहां पर सरकारी प्लान के तहत पलायन हो रहा है, इसलिए जनता को किसी के भी बहकावे में आने की जरूरत नहीं है.

Rakesh Tikait addressing the Kisan Mahapanchayat in Kairana.
कैराना में किसान महापंचायत को संबोधित करते राकेश टिकैत.

शामली : भारत सरकार से समझौते के बाद दिल्ली बार्डर पर चल रहा किसान आंदोलन स्थगित हो गया है, लेकिन इसके बावजूद भी किसान नेता बीजेपी सरकार पर हमलावर हैं. यूपी के कैराना में महापंचायत को संबोधित करने पहुंचे संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत सरकार पर हमलावर नजर आए. इस दौरान उन्होंने कहा- कैराना में सरकारी प्लान के तहत पलायन हो रहा है, इसलिए जनता को किसी के भी बहकावे में आने की जरूरत नहीं है.

क्या बोले राकेश टिकैत

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता और दिल्ली आंदोलन में संयुक्त किसान मोर्चा के मुख्य चेहरे रहे चौधरी राकेश टिकैत ने रविवार को कैराना में किसान महापंचायत को संबोधित किया. दरअसल, किसान आंदोलन स्थगित होने के बाद कैराना में गन्ना भुगतान और बिजली बिल जैसे किसानों के स्थानीय मुद्दों को लेकर महापंचायत रखी गई थी. महापंचायत को संबोधित करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि दिल्ली बार्डर पर 13 महीने जो आंदोलन चला है, उसमें देश के सभी लोगों का सहयोग रहा है.

आंदोलन में पंजाब से आए किसानों ने सभी को एक विशेष सिस्टम सिखाया है. यदि उस सिस्टम को हम यूपी में अख्तियार कर लें, तो भविष्य में कोई भी आंदोलन चलाने में कोई दिक्कत नहीं होगी. टिकैत ने कहा कि पंजाब के जो लोग आंदोलन में सक्रिय थे, उनके द्वारा सबसे पहले लंगर की व्यवस्था की गई. वे लोग मंच पर भी नहीं आए, लेकिन यदि हमारे यहां आंदोलन होता है, तो हमारे लोग सबसे पहले मंच पर रहते हैं.

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'25 लाख किसानों की हुई ट्रेनिंग'

राकेश टिकैत ने कहा कि 13 महीने बाद किसानों ने समझौते के आधार पर बहुत बड़ी जीत हासिल की है. आंदोलन समझौते के आधार पर खत्म हुआ है. जो फैसला हमारे पंचों ने किया है, वो हम लोगों ने मान लिया. आंदोलन के दौरान हमे 24 घंटे डॉक्टरों और सफाईकर्मियों का भी सहयोग मिला. वहां पर हमारे से कोई भेदभाव नहीं हुआ. अब आंदोलन स्थगित होने के बाद जिन किसानों ने बार्डर से बांस की झोपड़ी हटाई, तो उन्हें गर्व महसूस हुआ है. टिकैत ने कहा कि इस आंदोलन में हमारे करीब 25 लाख लोगों की ट्रेनिंग हो गई है, जो भविष्य के आंदोलन में कारगर साबित होगी.

एमएसपी पर सरकार को दिखाए तेवर

टिकैत एमएसपी पर सरकार के खिलाफ हमलावर दिखे. उन्होंने कहा कि यदि एमएसपी लागू होती है, तो इसका फायदा सीधे तौर पर किसानों और आम लोगों तक पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि अब जो पैसा उद्योगपतियों और पूंजीपतियों की जेबों में जाता है, उससे देश का किसान खुशहाल होगा. एमएसपी का पैसा जब बाजारों में घूमेगा, तो ट्रैक्स के रूप में सरकार का भी फायदा होगा. टिकैत ने कहा कि हमें भारत सरकार द्वारा बनाई गई कमेटी में वो लोग बिल्कुल भी नहीं चाहिए, जो उद्योगपतियों की यूनिवर्सिटी में तैयार हुए हैं. टिकैत ने कहा कि हमने स्पष्ट कर दिया है कि वे लोग कमेटी में नहीं रहेंगे, जो किसानों की विचारधारा से जुड़े हुए नहीं हैं.

कैराना पलायन को बताया सरकारी प्लान

चौधरी राकेश टिकैत ने कहा कि जब हमने कैराना में पंचायत करने की घोषणा की थी, तो लोग कह रहे थे, कि कैराना क्यों जा रहे हो. उन्होंने कहा कि हम कैराना इसलिए आए हैं, क्योंकि यह यूपी -हरियाणा बार्डर पर पड़ने वाला कस्बा है. यहां अंतर इस बात का है कि यमुना नदी के दूसरी ओर बिजली सस्ती है, गन्ने का भाव भी सही मिल रहा है, लेकिन इस ओर सबकुछ गड़बड़ है. यहां के लोग हरियाणा में मजदूरी करने के लिए जाते हैं, लेकिन यहां पर ऐसी इंडस्ट्रीज क्यों नही हैं.

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टिकैत बोले कि हरियाणा और यूपी दोनों में बीजेपी के मुख्यमंत्री हैं, तो जनता से इतना भेदभाव क्यों हैं. हमारी इस महापंचायत के बाद सरकार दोनों मुख्यमंत्रियों को बैठाकर जनता को सहूलियत देने का काम करें. राकेश टिकैत ने कैराना पलायन पर भी बयान दिया. उन्होंने कहा कि कैराना में सरकारी प्लान के तहत पलायन हो रहा है, इसलिए जनता को किसी के भी बहकावे में आने की जरूरत नहीं है.

टिकैत ने किसानों के गन्ना भुगतान के रूप में बकाया चार हजार करोड़ रुपये पर बोलते हुए कहा- जो भी सरकार अगले महीनों में किसानों, मजदूरों और आम जनता के हित में कार्य करेगी, लोग उन्हीं को पसंद करेंगे. टिकैत ने कहा कि वोट जबरदस्ती कोई किसी को नहीं देगा. विचारधारा ठीक कर लो, हमारे हाथ में कुछ नहीं है. हम तो जनता को आपकी योजनाएं और काम बताएंगे.

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