नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से दायर आपराधिक मानहानि के मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट की एडिशनल मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जारी समन को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया. गुरुवार को हुई सुनवाई में स्पेशल जज एमके नागपाल ने 13 दिसंबर को फैसला का आदेश दिया.
इससे पहले 25 नवंबर को सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की ओर से लिखित दलीलें पेश की गई थी. 6 दिसंबर को भी अतिरिक्त लिखित दलीलें दाखिल की गई. आज दोनों पक्षों ने अपनी दलीलें पूरी होने की बात कही. उसके बाद कोर्ट ने इन दलीलों को रिकॉर्ड पर रखते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया. 16 सितंबर को अशोक गहलोत की ओर से कहा गया था कि गजेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि मानहानि का मामला इसलिए बनता है क्योंकि शेखावत का नाम एफआईआर में नहीं है. शेखावत का नाम चार्जशीट में भी नहीं था.
उन्होंने कहा था कि गहलोत का बयान राज्य के गृह मंत्री के रूप में दिया गया था. जो बयान गहलोत द्वारा सदन में दिया गया था वह राज्य के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के मुताबिक था. ऐसे में गहलोत के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला नहीं बनता है. इस पर गजेंद्र सिंह शेखावत की ओर से पेश वकील ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि केस डायरी से छेड़छाड़ की गई थी.