पटना :बिहार के मधुबनी में एक महिला से दुर्व्यवहार मामले में शुक्रवार को निचली अदालत के एक न्यायाधीश ने दोषी को एक अनोखी सजा सुनाई थी, जिसने खूब सुर्खियां बटोरी. लेकिन अब इस न्यायाधीश को यह सजा सुनाना भारी पड़ता दिख रहा है. दरअसल, पटना उच्च न्यायालय ने एक प्रशासनिक आदेश के तहत अनोकी सजा सुनाने वाले न्यायाधीश को न्यायिक कार्य से प्रतिबंधित कर दिया है.
गौरतलब है कि लौकहा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी ललन ने 17 अप्रैल की रात को एक महिला के साथ अभद्र व्यवहार और दुष्कर्म के प्रयास की घटना को अंजाम दिया था. इस आरोप में वह 19 अप्रैल 2021 से जेल में बंद है. वहीं एक महिला की आबरू पर हाथ डालने जैसे गंभीर अपराध के दोषी को मधुबनी जिले के झंझारपुर अनुमंडल में पदस्थापित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अविनाश कुमार ने छुट-पुट सजा में ही निपटा दिया. नतीजन दोषी को एक अनोखी मगर बेहद छोटी सजा दे जमानत पर छोड़ दिया गया.
बता दें, आरोपित को गांव की सभी महिलाओं को 6 महीने तक मुफ्त में कपड़े धोने और इस्त्री करने की सजा दी गई थी. लेकिन आदेश देने वाले इस न्यायाधीश परपटना उच्च न्यायालय ने अपना सख्त रुख दिखाते हुए एक प्रशासनिक आदेश के तहत न्यायिक कार्य से प्रतिबंधित कर दिया है.