दिल्ली

delhi

ETV Bharat / bharat

बिहार : कपड़े धोने की सजा सुनाने वाले जज को 'सजा', अगले आदेश तक न्यायिक कार्य से वंचित - judge who ordered washing of clothes to accused

बिहार के मधुबनी में एक महिला से दुर्व्यवहार मामले में शुक्रवार को निचली अदालत के एक न्यायाधीश ने दोषी को एक अनोखी सजा सुनाई थी, जिसने खूब सुर्खियां बटोरी. लेकिन अब इस न्यायाधीश को यह सजा सुनाना भारी पड़ता नजर आ रहा है. दरअसल, पटना उच्च न्यायालय ने एक प्रशासनिक आदेश के तहत बिहार के इस न्यायाधीश को न्यायिक कार्य से प्रतिबंधित कर दिया है. पढ़ें पूरी खबर...

पटना उच्च न्यायालय
पटना उच्च न्यायालय

By

Published : Sep 25, 2021, 6:42 PM IST

पटना :बिहार के मधुबनी में एक महिला से दुर्व्यवहार मामले में शुक्रवार को निचली अदालत के एक न्यायाधीश ने दोषी को एक अनोखी सजा सुनाई थी, जिसने खूब सुर्खियां बटोरी. लेकिन अब इस न्यायाधीश को यह सजा सुनाना भारी पड़ता दिख रहा है. दरअसल, पटना उच्च न्यायालय ने एक प्रशासनिक आदेश के तहत अनोकी सजा सुनाने वाले न्यायाधीश को न्यायिक कार्य से प्रतिबंधित कर दिया है.

गौरतलब है कि लौकहा थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी ललन ने 17 अप्रैल की रात को एक महिला के साथ अभद्र व्यवहार और दुष्कर्म के प्रयास की घटना को अंजाम दिया था. इस आरोप में वह 19 अप्रैल 2021 से जेल में बंद है. वहीं एक महिला की आबरू पर हाथ डालने जैसे गंभीर अपराध के दोषी को मधुबनी जिले के झंझारपुर अनुमंडल में पदस्थापित अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अविनाश कुमार ने छुट-पुट सजा में ही निपटा दिया. नतीजन दोषी को एक अनोखी मगर बेहद छोटी सजा दे जमानत पर छोड़ दिया गया.

बता दें, आरोपित को गांव की सभी महिलाओं को 6 महीने तक मुफ्त में कपड़े धोने और इस्त्री करने की सजा दी गई थी. लेकिन आदेश देने वाले इस न्यायाधीश परपटना उच्च न्यायालय ने अपना सख्त रुख दिखाते हुए एक प्रशासनिक आदेश के तहत न्यायिक कार्य से प्रतिबंधित कर दिया है.

हाईकोर्ट के सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को पारित आदेश में अदालत ने न्यायाधीश अविनाश कुमार को अगले आदेश तक न्यायिक कार्य नहीं करने का निर्देश दिया. यह प्रशासनिक कदम न्यायाधीश के फैसले के कुछ ही दिनों बाद आया है.

पढ़ें :छेड़छाड़ के आरोपी को धोने होंगे छह महीने तक महिलाओं के कपड़े, इसी शर्त पर मिली कोर्ट से जमानत

बता दें, यह ऐसा पहली बार नहीं है जब कहा जाता है कि न्यायाधीश अविनाश कुमार ने ऐसा फैसला सुनाया हो, वह पहले भी अन्य मामलों में इसी तरह के अनोखे आदेश पारित कर चुके हैं.

(पीटीआई-भाषा)

ABOUT THE AUTHOR

...view details